रायपुर, 17 जनवरी 2020
प्रदेश में राजस्व से जुड़े मामलों को लेकर राजस्व सचिव सुबोध सिंह ने राज्य सरकार की मंशानुरूप सख्ती बरतना शुरु कर दिया है। सुबोध सिंह ने प्रदेश के सभी पटवारियों को सख्त हिदायत देते हुए लंबित नामांतरण मामलों को समय सीमा में निपटाने का आदेश दिया है। राजस्व सचिव सुबोध सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। राजस्व सचिव ने कहा कि कि पंजीयन कार्यालयों में भूमि अंतरण की ऑनलाइन सूचना मिलते ही संबंधित नामांतरण की प्रक्रिया शुरु कर दी जाए। भले ही इसके लिए संबंधित भू-अर्जन करने वाले व्यक्ति ने आवेदन नहीं किया हो।
नामांतरण प्रक्रिया समय सीमा में किये जाने की सख्ती के पीछे बताया जा रहा है कि प्रदेश में जमीन के मामलों की बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए की जा गई है। राजस्व सचिव सुबोध सिंह ने हल्का पटवारी के द्वारा पंजीयन कार्यालय से प्रत्येक शुक्रवार को प्राप्त सभी सूचनाओं को नामांतरण पंजी में दर्ज कर संबंधित राजस्व अधिकारी के समक्ष पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। नामांतरण पंजी में प्रकरण प्रस्तुत होने पर राजस्व अधिकारी के द्वारा विधिवत वर्तमान और प्रस्तावित भूमि स्वामी को सूचना जारी करते हुए दावा आपत्ति प्राप्त करने के लिए इश्तेहार प्रकाशन कराना होगा। ॉ
इश्तेहार में वर्णित की जाने वाली तिथि एवं स्थान पर राजस्व अधिकारी के द्वारा संबंधित पक्षकारों की सुनवाई के बाद यदि कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं होने पर उसी तिथि को ही नामांतरण पंजी को प्रमाणित करना होगा। विधिवत सूचना तामीली किए जाने के बाद संबंधित पक्षकार यदि गैरहाजिर होगा तो भी प्रविष्टि एकपक्षीय प्रमाणित करना होगी। ॉ
यदि प्रकरण में कोई विवाद हो तो विवाद का संक्षिप्त विवरण नामांतरण पंजी में अंकित करते हुए राजस्व न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्व कर विधिवत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इसी तरह अविवादित प्रकरणों में निर्धारित समयावधि में अभिलेख दुरूस्ती की कार्यवाही की जाएगी। उप पंजीयक कार्यालयों से भूमि विक्रय के पंजीयन की प्राप्त आनलाईन सूचना के आधार पर नामांतरण प्रकरण पंजीबद्व कर सक्षम प्राधिकारी नियमित रूप से नामांतरण की कार्यवाही करेंगे तथा अविवादित नामांतरण प्रकरणों में पंजीयन कार्यालय से प्राप्त सूचना की तिथि से अधिकतम 45 दिवस के अंदर अभिलेख दुरूस्ती की कार्यवाही पूरी करना अनिवार्य होगा।