रायपुर, 24 फरवरी 2020

राजधानी बाराडेरा स्थित फल सब्जी मंडी प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा व बाड़ी में से एक बाड़ी योजना का यहां  जीवंत प्रदर्शन किया गया है। मेले में आए लोगों के लिए बाड़ी विकास आकर्षण का मुख्य केन्द्र बना हुआ है।

राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत कृषि की लागत को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि बाड़ी के माध्यम से किसान अधिक सब्जी पैदा कर आर्थिक रूप से मजबूत बनें। इसलिये कृषि मेले में बाड़ी करने केे तरीके दिखाए और सिखाये जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की चार चिन्हारी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत उद्यान विभाग का यहां बड़ा स्टॉल लगा हुआ है। स्टॉल में प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली बाड़ी योजना में लौकी, कुम्हड़ा मेथी, पालक, कुसुम, सफेद चेच, प्याज, भटा, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, बरबट्टी की सब्जियां पंक्तिबद्ध लगी हुई हैँ।  बाड़ी में मुनगा, अमरूद, आम, चीकू, बेर, नींबू के फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। स्टॉल में बाड़ी के कचरे से वर्मी कम्पोस्ट एवं नाडेप टैंक से जैविक खाद तैयार करने का तरीका दिखाया गया है।

बाड़ी योजना से उत्पादित टमाटर, भाटा, हरी मिर्च, बरबट्टी, सेम, मूली, गोभी, केला, ककड़ी, प्याज एवं लहसुन, अदरक, कोचई, पपीता को जीरो एनर्जी कूल चेम्बर में रखा गया है। उद्यान विभाग के द्वारा बाड़ी में किसान किस प्रकार बारहमास ताजी एवं हरी सब्जी कम लागत में उत्पादन कर खेती के साथ बाड़ी में अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है। इसे स्टॉल में बड़े ही सुन्दर ढंग से दिखाया गया है।

 राष्ट्रीय कृषि मेले में किसान सीख रहे खेती की आधुनिक और उन्नत तकनीकें-

रायपुर के तुलसी बाराडेरा में आयोजित राष्ट्रीय कृषि में मेले में दूर-दराज क्षेत्रों से आकर किसान खेती किसानी की आधुनिक और उन्नत तकनीकों सीख रहे हैं। जैविक खेती की ओर भी किसानों का रूझान अब बढ़ने लगा है। किसान जैविक खाद के साथ साथ जैविक उत्पादों की जानकारी भी राष्ट्रीय मेले से ले रहे हैं। कबीरधाम जिले से अपने साथियों के साथ आए किसान धनराज बंजारे ने बताया कि वह कृषि मेले में खेती के आधुनिक तकनीक और उससे संबंधित जानकारी लेने आए हैं। यहां आकर उन्हेें उन्नत बीज ,यंत्र, जैविक खेती, जैविक खाद, कृषि यंत्रों, मृदा परीक्षण सहित खेती के साथ-साथ किये जा सकने वाले अन्य स्वरोजगार के क्षेत्रों की भी जानकारी मिली। बंजारे के साथ कबीरधाम जिले से किसान चंपालाल धृतलहरे,राजकुमार,उमेन धृतलहरे और ईश्वरी माण्डले ने भी कृषि मेला घूम कर अपने-अपने रूचि के अनुसार क्षेत्रों की जानकारी ली।

प्रमाणित धान एवं सब्जियों, फलों की बीज, हाइब्रिड पौधे, कल्टीवेशन से तैयार नर्सरी के पौधे, सब्सिडी वाले आधुनिक कृषि यंत्र तकनीक, सहित जैविक खाद भी यहां मिल रहा है। मेले में उन्हें वर्मी कम्पोस्ट बनाने के बारे में जानकारी मिली। विभिन्न स्टॉलों में उन्होंने शुगर फ्री चावल के बीज के बारे में पता किया है। उन्होंने यहां वितरकों का पता,कार्ड और मोबाईल नंबर ले किया है। अपने गांव जाकर वह कृषि अधिकारियों और ग्राम सेवक से जानकारी लेकर उन्नत फसल तकनीक जैविक खेती करेंगे।

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By Admin

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