नई दिल्ली, लोकसभा में तीन तलाक के बिल पर चर्चा के दौरान सपा के सांसद आजम खान का आसंदी पर महिला सांसद रमादेवी पर की गई टिप्पणियाँ (जो बाद में सदन की कार्रवाई से विलोपित की गई) को लेकर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा की स्मृति इरानी और बसपा की सुप्रीमो मायावती ने इस टिप्पणी को लेकर आजम खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और, इस टिप्पणी को महिलाओं की अस्मिता और आत्मसम्मान का मामला बताते हुए महिला सांसदों ने सदन में आसंदी से आजम कीश्वर की मांग कर दी हैं। ।
क्या पूरा मामला हंगामा जो है, बरपा ;;
लोकसभा में तीन तलाक के बिल पर चर्चा चल रही थी, असन्दी पर भाजपा की देवघर से सांसद रमा देवी बैठी हुई थीं। जैसे ही समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की बोलनेकी बारी आई आजम खान की जुबान ने एक बार फिर उनको धोखा दे दिया। आसंदी पर महिला सांसद की मौजूदगी में जिस तरह से शेरों शायरी भरे लहजे में आजम खान ने आसंदी पर बैठी महिला सांसद रमादेवी से मुखातिब हिकर बोलना शुरू किया कि उनकी जुबान फिसल गई और आजम खान ने रमादेवी को लेकर निजी टिप्पणी करनी शुरू कर दी,
बस फिर क्या था। हंगामा जो होना था कि मत पूछिए। आजम खान के विरोध में सदन के बीच उठे बवाल के बीच रमादेवी की जगह आसंदी पर पुनः ओम बिरला ने बैठकर आजम खान की टिप्पणी को लोकसभा की कार्यवाही में से विलोपित करने के आदेश दिए। और सदस्यों को शांत करवाने की कोशिश की। स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि मामले में आवश्यक कार्यवाही विचार विमर्श के बाद कि जाएगी।
सबसे पहले भाजपा की सांसद स्मृति ईरानी ने इसे संसद के भीतर महिलाओं के मर्यादा पर हमला बताए हुए,गहरा दुःख बताया औऱ कहा कि माननीय अध्यक्ष महोदय देश की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए जिस जगह पर बैठकर महिला सुरक्षा का कानून तैयार किया जाता है, उस जगह पर महिला की मर्यादा का अपमान हो रहा है। स्मृति ईरानी ने आसंदी को विशेषधिकार से अलग करते हुए देखने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर यह घटना सदन के बाहर हुई होती तो महिला सांसद पुलिस के पास जा सकती थी और उन्हें न्याय मिलता,बराबर मिलता क्योंकि हमने इसके लिए पर्याप्त कानून बनाए हैं।लेकिन यह अशोभनीय घटना सदन के भीतर हुई है।इसलिए आपसे अनुरोध करती हूं कि इस मामले में इस तरह की कार्रवाई की जाए कि भविष्य में सदन के भीतर महिला सदस्यों के साथ ओस तरह का अशोभनीय व्यवहार न हो सके। कार्रवाई ऐसी हो कि पूरे देश मे मैसेज जाना चाहिए कि हम महिला अस्मिता के सम्मान के लिए सदन के भीतर भी पूरी तरह से कटिबद्ध हैं।
आजम खान की टिप्पणी को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी गहरी नाराजगी जताई है।मायावती ने आजम की टिप्पणी को महिलाओं के आत्म-स्वाभिमान पर हमला बताया और उनकी जमकर आलोचना की। मायावती ने कहा कि सदन के भीतर आसंदी के साथ साथ आजम खान का कृत्य महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान से अपने शब्द वापस लेकर सदन से माफी मांगने की मांग की है।
हंगामे के बाद माफी मांगने से आजम खान का इंकार अपनी टिप्पणी पर हंगामा बढ़ता देख आजम खान ने मामले को संभालने की भरपूर कोशिश की,सदन के भीतर शोर शराबे के बीच रमादेवी को अपनी छोटी बहन तक बताने की भरपूर कोशिश की जो असफल रही। पूरे मसले पर सदन के बाहर जब आजम खान से मीडिया ने बात की तो उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए किसी भी अमर्यादित टिप्पणी की बात से साफ इंकार करते हुए कहा कि, जब कुछ गलत कहा ही नही तो,माफी मांगने का सवाल ही पैदा नही होता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने की बर्खास्तगी की मांग:-
सदन के भीतर आजम खान के टिप्पणियाँ पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने गहरी नाराजगी जताते हुए, स्पीकर से आजम खान की बर्खास्तगी की मांग कर दी। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इसे महिलाओं की अस्मिता पर गहरा आघात बताते हुए पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की लोकसभा से बर्खास्तगी की मांग की है।