कबीरधाम(कवर्धा),दो दिनों से लगातार छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हो रही झमाझम बारिश से एक ओर जहां लोगों में ख़ुशी का माहौल है वहीँ पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की भी पोल खोल के रख दी है। कबीरधाम जिला हमेशा अपनी सियासत के लिए प्रसिद्ध रहा है क्योंकि हर एक क्षेत्र में यहाँ के लीडर प्रख्यात हैं पूर्व सी एम रमन सिंह का यह गृह जिला रहा है उसके बाद भी कवर्धा और बिलासपुर मार्ग को जोड़ने वाला एक मात्र पुल सकरीआज तक अपने विकास के लिए वर्तमान के जन प्रतिनिधियों के मुंह की ओर तांक रहा है , जबकि 15 साल पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह शासन में थे। दरअसल भारी बारिश के बाद जो नजारा आज देखने को मिला वह के बहुत ही गंभीर और भयावह स्थिति को प्रस्तुत करता है ।
सकरी नदी पर बने छोटे और सकरे पुल को अचानक आयी बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है , पुल के ऊपर से पानी प्रवाहित हो रहा है | जिससे पैदल यात्रियों का आना जाना तो बंद हो गया साथ ही बड़े वाहन भी निकल नही पाए। समय रहते प्रशासन भी इसकी सुध नहीं ली। जैसे पुल के ऊपर से बाढ़ का पानी तेजी से बह रहा है क्योंकि पुल छोटा है और कम बाढ़ होने के बाद भी आसानी से पुल के ऊपर से पानी का चलना प्रारम्भ हो जाता है।
पुल की जर्जरनुमा स्थिति अधिकारी से बिलकुल भी छुपी हुई नहीं है । अगर बाढ़ की रफ़्तार और ज्यादा तेज हुई तो पानी आसानी से अपने साथ पुल को बहाकर ले जा सकता है। इसके अलावा बड़ी गाडियों ने अगर पार किया तो हो सकता है पुल बारिश में ढह भी जाए ।पूर्व की भाजपा सरकार ने कई बड़ी विकास यात्रायें की और करोड़ों रुपये बहाए।लेकिन उन्हें कवर्धा के नाक के नीचे बने पुल की तस्वीर और जनता की परेशानी नजर नहीं आई ।
प्रशासन की भी कोई अग्रिम तैयारी इस पुल पर आई बाढ़ से निपटने के लिए नहीं है। वरना चुनाव के बाद काफी समय था , इस पुल की रिपेयरिंग के लिए लेकिन नगर पालिका और जिला प्रशासन भी जनता की परेशानी को नजर अंदाज करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाता है ,बाढ़ का पानी नदी के किनारों को चीरता आवासों तक पहुँचने की कगार में है और बारिश का पानी शहर कवर्धा की सड़कों का रंग बदलने को उतारू है इससे पालिका के उचित क्रियान्वयन को आप बखूबी समझ सकते हैं कि पालिका की व्यवस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं जो पानी नालियों से सड़कों पर आ रहा है , लेकिन बारिश के समय देने के बाद भी इस पर प्रमुख अधिकारियों का ध्यान नहीं जाता। बाढ़ और स्थिति को देखते हुए कई दुर्घटनाओं की संभावनाएं लोग लगा रहे हैं ऐसी विकट स्थिति में सिर्फ कामना ही कर सकते हैं कि बाढ़ से कवर्धा में कोई क्षति न हो ।