बिलासपुर,कोटा जनपद पंचायत के जनपद पदाधिकारियों पर शासन द्वारा जारी की गई 50 लाख की विकास निधि के आबंटन को लेकर बंदरबांट किये जाने का मामला सामने आया है।शासन द्वारा जनपद पंचायत कोटा के ग्राम पंचायतों को मूलभूत व मौलिक कार्यों हेतू 50 लाख रुपये की राशि आबंटित की गई थी। लेकिन व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कुछ खास जनपद सदस्यों द्वारा विकास निधि का मनमाने ढंग से बंदरबांट कर लिया गया।

जिसकी शिकायत आदिवासी महिला जनपद सदस्यों ने कलेक्टर बिलासपुर से कर कार्यवाही की मांग की है।23-02-2019 को हुए सामान्य सभा की बैठक में जनपद विकास निधि आबंटन का बगैर अनुमोदन के अनुमोदित सूची तैयार कर बैठक रजिस्टर में गुपचुप तरीके से कार्यवाही इंद्राज कर ली गई। जिसका सनसनीखेज खुलासा पिछली बैठक में हुआ। आक्रोशित सदस्यों ने विरोध के साथ आपत्ति दर्ज की गई और मुख्य कार्य पालन अधिकारी के हस्तक्षेप से आगामी बैठक में खुली चर्चा करने सहमति बनी। सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई जिसमें पांच सदस्य अनुपस्थित थे। आरोप है कि बैठक में जनपद सदस्य अरविंद जायसवाल द्वारा पूर्व से 10 सदस्यों का हस्ताक्षर युक्त जनपद विकास निधि अनुमोदित कार्यों की सूची बैठक मे कुछ जनपद सदस्यों की गैरमौजूदगी में मान्य करनें दबाव बनाया गया जिस पर आहत होकर आदिवासी महिला व पुरुष जनपद सदस्यों ने उस सूची पर सीईओ के समक्ष आपत्ति दर्ज किया किन्तु कोई समाधान नहीं हुआ।जनपद विकास निधि से अरविंद जायसवाल सात लाख रुपये, लखन पैकरा अध्यक्ष पांच लाख रुपए, सविता मनोज गुप्ता उपाध्यक्ष एक लाख रुपये, नेहा सचिन साहू,धर्मेन्द्र देवांगन, रियाज जुंजानी, विनोद बंजारे,रानिता भार्गव, त्रिवेणी उद्देश्य, जयराज दीक्षित सभी को चार चार लाख रुपये, दीपा साहू,शशि मनक निर्मलकर, सीमा रामेश्वर दास, यशोदा ओट्टी, भगवती खुसरो सभी को डेढ़ डेढ़ लाख रुपए जारी किये गए बाकी के नौ जनपद सदस्यों को कुछ भी नहीं दिया गया।

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By Admin

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