रायपुर,
शौक बड़ी चीज है ये तो सुना था, लेकिन सियासत में सब चलता है ये आज देख भी लिया। छत्तीसगढ़ में सरकार कांग्रेस की, मंत्री और विधायक भी कांग्रेस के। फिर कांग्रेस के ही एक विधायक को अपनी ही पार्टी के मंत्री के सामने जनदर्शन में मांगे रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मांग भी ऐसी, जिसे मंत्री महोदय शायद ही मानेंगे, क्योंकि मंत्रीजी ने मांग मानीं तो शिक्षाकर्मियों से लेकर रेगुलर स्कूल शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। स्कूल एडमिशन से लेकर शैक्षणिक सत्र का पूरा कैलेंडेर फिर से तैयार करना पड़ेगा।
मामला रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय का है। विकास उपाध्याय ने आज राजीव भवन में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से मिलकर निजी और सरकारी स्कूलों के ग्रीष्मावकाश की अवधि को बढ़ाने की मांग की है। विधायक विकास उपाध्याय ने अपनी मांग के समर्थन में तर्क दिया कि प्रदेश में 45 डिग्री के आस-पास तापमान बना हुआ है, भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसी गर्मी में अगर बच्चे स्कूल गए तो उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। बच्चे बीमार हो सकते हैं। गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियां बच्चों को घेर सकती है।
विधायक महोदय की बात में दम है, और सामाजिक सरोकार से जुड़ी है। लेकिन विधायक महोदय ने अपनी मांग में ये नहीं बताया कि ग्रीष्मावकाश आगे बढ़ाने से क्या शिक्षकों का भी अवकाश आगे बढ़ेगा या नहीं। कक्षाएं देरी से शुरु करने की बात समझ आती है, लेकिन ग्रीष्मावकाश कब तक कितने दिन तक आगे बढ़ाया जाए,,,इसकी कोई स्पष्ट तारीख उन्होंने अपने मांग पत्र में मंत्री महोदय को मुहैया नहीं कराई। जिसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री भी धर्मसंकट में है कि आखिर अपनी ही पार्टी के विधायक की इस मांग का क्या करें। मांग मानें या रहने दें। केरल में मानसून पहुंच चुका है, देर-सवेर छत्तीसगढ़ में भी कभी भी बारिश हो सकती है। प्रदेश में पड़ रही तेज गर्मी भी मानसून के जल्द पहुंचने और भारी बारिश होने की ओर इशारा कर रही है।
विधायक विकास उपाध्याय के साथ कुछ बच्चों के अभिभावक भी स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे जिनमें काँग्रेस की ब्लॉक अध्यक्ष सुनीता शर्मा,सोनिया यादव,संगीता दुबे,शायरा खान,अमित शर्मा,दिब्य किशोर नियाल,विकास अग्रवाल,डॉ.विकास पाठक,रोशन श्रीवास,श्रीसवस्थि,प्रकाश मानिकपुरी,समीम अहमद,यश साहू,मनोज ढहाटे,मनोज साहू,किशन गोस्वामी,कार्तिक अन्ना आदि शामिल थे। विधायक विकास उपाध्याय युवा विधायकों में से एक हैं, दिन हो या रात लोगों की मदद के लिए और जनहित से जुड़े मुद्दों के लिए उन्हें सुबह छह बजे से लेकर रात के 12 बजे भी मदद करते हुए देखा जा चुका है। लेकिन मंत्री से मिलकर स्कूलों में अवकाश बढ़वाने की ये बात वेबरिपोर्टर को हजम नहीं हुई।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर एक विधायक को अपनी ही पार्टी के मंत्री के सामने इस तरह से मांग पत्र लेकर क्यों जाना पड़ा, तो हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने एक नियम बनाया है कि उनका एक मंत्री हर दिन कांग्रेस प्रदेश कार्यालय (जिसे राजीव भवन कहा जाता है) में बैठेगा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेगा। कांग्रेस कार्यकर्ता मंत्री से मिलकर अपनी बात और समस्यायें मंत्री के सामने रख सकते हैं।
ऐसा कांग्रेस पार्टी को क्यों करना पड़ा, तो इसके पीछे की वजह जो हमें पता चली वो ये कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 11 में से 9 सीटें कांग्रेस गंवा चुकी है, जिसके बाद ये सवाल उठने लगे थे कि जब नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को भारी बहुमत मिला है तो ऐसा क्या हो गया कि लोकसभा चुनाव में जनता ने किनारा कर लिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पूनिया ने इसकी वजह खोजी कि सरकार बनने के बाद मंत्रियों और विधायकों ने कार्यकर्ताओं से दूरी बना ली थी, मंत्रियों में घमंड आ गया था, इसलिये लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुस्तैदी नहीं दिखाई। अब चूंकि नगर निगम के चुनाव सिर पर हैं,,,कांग्रेस पार्टी को फिर से कार्यकर्ता याद आ गए हैं, इसीलिये कार्यकर्ताओं को संगठन के करीब लाने और गिले-शिकवे भुलाकर निगम चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के लिए हर दिन एक मंत्री को राजीव भवन में बिठाया जा रहा है। लेकिन कार्यकर्ताओं की ओर से बताई जा रही समस्याओं और शिकायतों पर वहां कितना अमल किया गया है या किया जा रहा है, इसका विवरण कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग की ओर से मुहैया नहीं कराया गया है।