बिलासपुर,पुलिस प्रशासन ने आलाधिकारियों की मौजूदगी में साइबर अपराध की विवेचना को लेकर वन डे वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन विभाग स्थित प्रार्थना सभा में किया गया। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता और पुलिस अधीक्षक बिलासपुर प्रशांत अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद थे। इस दौरान विशेषज्ञों ने साइबर अपराध के विवेचना के समय सावधानियों के साथ अपराध के रोकधाम को लेकर जरूरी टिप्स दिये।
बता दें विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में मौजूद सभी विवेचना अधिकारियों और अन्य आलाधिकारियों को सायबर अपराध से जुड़ी तमाम बारीकियों की जानकारी दी। साइबर अपराध के रोकथाम के साथ ही अपराध को नियंत्रित करने के तौर तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही विवेचना के दौरान आने वाली कठिनाइयों के निपटने के टिप्स भी दिया। कार्यशाला में रेंज स्तर के निरीक्षक से लेकर सहायक उप निरीक्षक स्तर के 50 पुलिस पदाधिकारी उपस्थित शामिल हुए। बैंक फ्रॉड, एटीएम फ़्रॉड ,सोशल मीडिया व्हाट्सएप ,फेसबुक टि्वटर समेत अन्य साइबर माध्यम से होने वाले अपराधोँ के बारे में बताया गया। विवेचना और सीडीआर एनालिसिस के संबंध विस्तृत जानकारी को दी गयी। विवेचना के दौरान विवेचको के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को अवगत कराकर उनके उपाय से रूबरू किया गया ।
कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर प्रदीप गुप्ता विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होने बिलासपुर शहर में घटित विराट अपहरण केस का उदाहरण पेश किया। उन्होने बताया कि किस तरह सीडीआर के माध्यम से प्रकरण को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया गया। प्रदीप गुप्ता ने विराट अपहरण मामले में अपनायी गयी एक एक गतिविधियों को सबके सामने रखा। आईजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि रेंज स्तर के सभी पुलिस पदाधिकारियों को विवेचना में निपुण बनाने के उद्देश्य ही कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला में मौजूद पुलिस पदाधिकारियों का अलग अलग ग्रुप में काल्पनिक केस देकर विवेचना करने को कहा गया। इस दौरान विवेचकों को व्यावहारिक जानकारी भी दी गयी। पुलिस पदाधिकारियों से कार्यशाला में बताये गये विषयों के संबंध में लिखित टेस्ट लिया गया। सभी से कार्यशाला को लेकर फीडबैक भी लिया गया।
कार्यशाला को सफल बनाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर ओपी शर्मा , उप पुलिस अधीक्षक स्नेहिल साहू , नगर पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी ,निरीक्षक कलीम खान ,सहायक उपनिरीक्षक हेमंत आदित्य और साइबर सेल की टीम समेत पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय स्टाफ, रक्षित केंद्र के स्टाफ की भूमिका महत्वपूर्ण थी।