रायपुर,

उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले की घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में  गुरुवार को हुए नरसंहार में 10 लोगों की हत्या के बाद सियासत चरम पर है। पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने जिद ठान ली है। वहीं देशभर से कांग्रेसी नेता सोनभद्र पहुंच रहे हैं। सोनभद्र जाने के साथ-साथ कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी की मिर्जापुर के चुनार में धरने पर बैठी तस्वीर के साथ-साथ इंदिरा गांधी की एक पुरानी फोटो भी सोशल मीडिया में जमकर शेयर कर रहे हैं। इस फोटो में इंदिरा गांधी एक हाथी पर बैठी हुई हैं।  दोनों तस्वीरों को एक साथ पोस्ट करके कांग्रेसी प्रियंका गांधी को इंदिरा गांधी के आधुनिक वर्जन के तौर पर पेश कर रहे हैं।

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दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद निर्जीव पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने के लिए प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला है। अभी तक कांग्रेस इसी बात को लेकर उलझी हुई थी कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा।  लेकिन सोनभद्र नरसंहार कांड को  लेकर प्रियंका गांधी ने जैसी तत्परता दिखाई है, उसके बाद कांग्रेसियों की ओर से ये माना जाने लगा है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की अगली अध्यक्ष हो सकती हैं। लेकिन ये सिर्फ कयास हैं। बल्कि देखा जाए तो इस बार कांग्रेस ने राहुल गांधी की बजाय प्रियंका को आगे करके पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश की है।

अब बात इंदिरा गांधी की हाथी पर बैठी तस्वीर को प्रियंका की तस्वीर के साथ शेयर करने की तो, इस तस्वीर के सहारे कांग्रेसीजन यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा में उन्हें इंदिरा गांधी नजर आ रही हैं। जब 1977 में बिहार के बेलची गांव में 11 दलितों का नरसंहार किया गया था, इंदिरा गांधी भी तमाम मुश्किलों को झेलते पीड़ितों से मिलने पहुंची थीं। तब बिहार में बाढ़ आई हुई थी और बेलची गांव तक गाड़ी जा नहीं सकती थी। लेकिन इंदिरा गांधी ने पीड़ित परिवारों तक जाने और उनसे मिलने की जिद ठान ली थी। तमाम कांग्रेसियों के समझाने के बाद भी इंदिरा गांधी नहीं मानी और पैदल चलने की ठान ली। जीप के कीचड़ में फंस जाने के बाद इंदिरा गांधी ट्रैक्टर पर बैठीं और जब ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस गया तब इंदिरा गांधी हाथी पर बैठकर पीड़ितों से मिलने पहुंची थी। ठीक इसी तरह का नजारा इस बात उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में देखने को मिल रहा है। 1977 में भी कांग्रेस निर्जीव पड़ी थी और तब बेलची नरसंहार कांड के बाद इंदिरा गांधी की तत्परता ने पार्टी में नये प्राण फूंक दिये थे। वैसा ही हाल इस वक्त कांग्रेस का है। कांग्रेसी इस मामले को कांग्रेस के पुनर्जीवन के तौर पर भुनाने की कोशिश में लगे हैं।

हाथी से बेलची पहुंचीं थीं इंदिरा, मिर्जापुर में प्रियंका

कांग्रेस के नेता बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर इंदिरा और प्रियंका की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। सोनभद्र हिंसा पर प्रियंका के दौरे से वे कांग्रेस के फिर से जिंदा होने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे ही एक नेता ने ट्विटर पर लिखा, ‘सालों पहले जब गरीब पीड़ित थे तब इंदिरा गांधी बेलची पहुंचीं थी। और अब गरीबों के साथ कौन खड़ा है- प्रियंका गांधी।’

सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी ट्रेंड कर रही है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि प्रियंका गांधी ने जो किया, राहुल गांधी इसमें फेल रहे।  अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टियों ने इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ऐसे में कांग्रेस भले ही अध्यक्ष पद को लेकर आंतरिक संकट से जूझ रही हो पर प्रियंका गांधी की कोशिश है कि पार्टी के जनाधार को फिर से मजबूत किया जाए। पिछले दिनों कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर कहा था कि अध्यक्ष को लेकर संकट से कार्यकर्ताओं में हताशा बढ़ रही है। ऐसे में प्रिंयका के इस एक कदम से कार्यकर्ताओं का मनोबल जरूर बढ़ता दिख रहा है।

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