रायपुर,
राजधानी के हृदय स्थल जय स्तंभ चौक से लेकर कलेक्ट्रेट चौराहे और केन्द्रीय जेल से लेकर डीकेएस तक आधे-अधूरे बनाए गए स्काई वॉक का क्या किया जाए। इसे लेकर एक दैनिक समाचार पत्र ने बुधवार को आम लोगों की राय जानी। जिसमें रायपुर पश्चिम के कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय समेत बड़ी संख्या में आम जन उपस्थित हुए। ज्यादातर लोगों ने स्काई वॉक को लेकर नाराजगी जताई। लोगों ने कहा कि स्काई वॉक से किसी प्रकार का कोई भला नहीं होने वाला है। बल्कि बन जाने पर लोग पैदल चलने के लिए इसका इस्तेमाल कम करेंगे जबकि असामाजिक तत्व, गुंडे, अपराधी और नशेड़ी लोग यहां दिन रात अड्डा जमा कर बैठ जाएंगे।
विधायक विकास उपाध्याय ने भी स्काई वॉक को अनुपयोगी मानते हुए इसे तोड़ डालने में ही भलाई बताई। लेकिन निर्माण पर जो खर्च हो चुका है उसका क्या…इस सवाल पर विकास उपाध्याय ने कहा कि अभी जितना खर्च हुआ है…उससे ज्यादा खर्च इसे पूरा करने में होगा…उसके बाद भी इसकी कोई उपयोगिता साबित नहीं होगी। विकास उपाध्याय ने कुछ राज्यों और देशों का हवाला देते हुए कहा कि स्काई वॉक कहीं भी सफल नहीं हुआ है…आम जनता की राय से इसे किसी अन्य काम में लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार ने घड़ी चौक और जय स्तंभ चौक पर दिन में लगने वाले जाम और पैदल चलने वालों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए स्काई वॉक योजना शुरु की थी। जिसके तहत घड़ी चौक के चारों तरफ गुजरने वालों रास्तों पर एक रिंग की आकृति में स्काई वॉक बनाया जाना था। जिसमें अलग-अलग दिशाओं में उतरने और चढ़ने के लिए सीढ़ियों के साथ स्केलेटर भी लगाए जाने थे। रमन सरकार का तर्क था कि इससे घड़ी चौक जैसे बेहद व्यस्त रहने वाले चौराहे पर पैदल गुजरने वालों को सहूलियत होगी और नीचे ट्रैफिक भी बाधित नहीं होगा।
ये था स्काई वॉक का प्रावधान –
स्काई वॉक के लिए 2016-17 के बजट में प्रावधान करीब 49.9 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। कंसल्टेंट एसएन भोबे, मुंबई को 20 सितंबर 2016 को अनुबंधित किया गया था। कंसल्टेंट की रिपोर्ट के मुताबिक हर रोज शास्त्री चौक से 27 हजार और मेकाहारा चौक से 14 हजार लोग पैदल गुजरते हैं। लेकिन रमन सरकार का पूरा कार्यकाल गुजर गया और सरकार बदल गई लेकिन स्काई वॉक का कार्य पूरा नहीं हो पाया। स्काई वॉक योजना पर अमल करने से पूर्व भाजपा सरकार ने आम जनता से कोई राय नहीं ली थी, बल्कि मुंबई से आई एक कंपनी से सर्वे कराकर स्काई वॉक का काम शुरु करा दिया था। स्काई वॉक योजना को 2018 जुलाई तक पूरा हो जाना था, लेकिन तीन बार इसका समय और तीन बार इसका बजट रमन सरकार के कार्यकाल में बढ़ाया गया।
क्या है स्काई वॉक ?
24 अप्रैल 2017 को मेसर्स जीएस एक्सप्रेस प्रा.लि. लखनऊ को स्काई वॉक का कार्यादेश जारी हुआ।
योजना पर 13 दिसंबर 2018 को 77 करोड़ 10 लाख 30 हजार रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय मंजूरी मिली।
स्कायवॉक की कुल लंबाई 1470 मीटर है।
मल्टीलेवल पार्किंग जयस्तंभ की ओर 614 मीटर, आंबेडकर अस्पताल की ओर 590 मीटर, शास्त्री चौक 266 मीटर। चौड़ाई – मल्टीलेवल पार्किंग एवं आंबेडकर अस्पताल 3.75 मीटर तथा रोटरी भाग में 4 मीटर है।
इस पर 8 स्थानों पर 32 दुकानें बनाने की योजना है।
वर्तमान में 50 फीसदी काम पूरा हो गया है।
अब तक 36 करोड़ 44 लाख रुपए खर्च हो गए हैं।