मुंबई,
जुलाई 2015 में अपने 16 साल के बेटे को गंवाने के बाद मुंबई के दादाराव बिल्हौर की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई है। खराब सड़क की वजह से हुए एक्सीडेंट में उनके बेटे प्रकाश बिल्हौर की मौत हुई थी, जिसके बाद दादाराव बिल्हौर ने सड़क के गड्ढों को भरना और सड़क की मरम्मत करने को ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया है। 48 साल के दादाराव बिल्हौर उस हादसे के बाद से अब तक करब 600 गड्ढों को भर चुके हैं और सैकड़ों खराब सड़कों की मरम्मत कर चुके हैं।
जब लोग हर सुबह तैयार होकर घर से अपने दफ्तर और काम के लिए निकलते हैं, तब दादाराव बिल्हौर हाथ में फावड़ा और तसला पकड़कर गड्ढों को भरने के लिए निकल पड़ते हैं।
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