रायपुर, 4 नवंबर 2019

तू डाल-डाल, मैं पात-पात, जैसे को तैसा ये कहावतें अब राजनीति में बेमानी हो गई है बल्कि अब जुमले बदले गए हैं, अब जुमले कुछ इस प्रकार के हैं कि जनता वोट किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को दे लेकिन सरकार भाजपा की ही बननी है।

उत्तराखंड, गोवा, कर्नाटक, हरियाणा जैसे कई राज्यों में ऐसा देखा भी जा चुका है। जहां जनता ने वोट किसी को दिया लेकिन बहुमत नहीं पाने के बाद भी सरकार भाजपा ने बनाई। लेकिन यहां बात सरकार बनाने की नहीं हो रही है, बल्कि बात है उन दो राजनीतिक दलों की जो सालों से हिंदू, हिंदुस्तान, राम और राष्ट्रवाद के नाम पर अपनी सियासत करते आए हैं, सालों तक इन्हीं नामों और बिंदुओं पर गठबंधन करते आए हैं। हिंदुओं को मुसलमान और पाकिस्तान का भय दिखाकर एकजुट होने की अपील करते आए हैं। लेकिन अब यही दो दलों के बीच चल रहे सियासी दंगल को देखकर लोकतंत्र शर्मिंदा हैं औऱ जनता दंग हैं। जाहिर है ये सब सत्ता पाने के लिए तो कतई नहीं हो रहा होगा। बल्कि हिंदुस्तान को बचाने और मुसलमानों की बढ़ती आबादी से चिंतित होने की वजह से ऐसा हो रहा होगा।

इतना पढ़ने के बाद तो आप समझ ही गए होंगे कि बात महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही सियासी उठापटक की हो रही है। शिवसेना और भाजपा दोनों  ही दल सालों से हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर हिंदुओं को एकजुट होने की अपील करते आए हैं। लेकिन अब महाराष्ट्र की सत्ता पाने के लिए दोनों ही दल अखबारों के तरकश से लेख रूपी तीर चला रहे हैं। शिवसेना के संजय राउत तरह-तरह के ट्वीट करके, सामना में संपादकीय लिखकर भाजपा पर तंज कस रहे हैं। हर हाल में शिवसेना की सरकार बनने औऱ आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का दावा किया जा रहा है। उधर भाजपा के देवेन्द्र फणडवीस ताल ठोक रहे हैं कि सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। तो क्या शरद पवार को पानी पी-पीकर कोसने वाली भाजपा राकंपा से गठबंधन करेगी या फिर कांग्रेस और गांधी खानदान को हर वक्त कोसने वाली शिवसेना, भाजपा और राकंपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र के सिंहासन पर बैठेगी।

मसलन सवाल कई है लेकिन वोट देकर अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में बिजी हो चुकी जनता इस सियासी नाटक को देखकर दंग है। जनता की इच्छा के विपरीत अगर कोई भी बेमेल गठबंधन होता है तो लोकतंत्र न सिर्फ अपना सिर झुका लेगा बल्कि इस बात पर भी सवाल खड़े हो जाएंगे कि लोकतंत्र का मतलब जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार का शासन किया जाना होता है।

 

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