नई दिल्ली, 4 सितंबर 2019
केन्द्र की मोदी सरकार ने अपनी बजट घोषणा के अनुरूप 1 सितंबर से आर्थिक दृष्टि से कई परिवर्तन किये हैँ। इनमें सबसे अहम बदलाव हैं बैंकिंग संबंधी और ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करने पर लगने वाले जुर्माने संबंधी। इन बदले हुए नियमों को असल आम आदमी के जीवन पर सीधा देखने को मिल रहा है। जिन लोगों ने अभी तक बैंकिंग के बदले नियमों को नहीं जाना और समझा है उनके लिए आने वाले दिनों में परेशानी खड़ी हो सकती है।
आम आदमी के लाभ के लिए बदला बैंक का समय
1 सितंबर से सभी प्रकार के (निजी एवं सरकारी) बैंक सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ही खुलेंगे। 4 बजे के बाद किसी भी बैंक में कोई ट्रांजेक्शन, लेन-देन नहीं हो रहा है। इससे आम लोगों को सहूलियत मिलेगी कि अलग-अलग समय की वजह से उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।
15 दिनों के भीतर किसान क्रेडिट कार्ड
1 सितंबर 2019 से किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) प्राप्त करना आसान हो गया है। अब बैंक किसानों को 15 दिनों के भीतर केसीसी जारी करेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही विभिन्न भारतीय बैंकों को इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है।
SBI का होम लोन सस्ता हुआ
1 सितंबर 2019 से भारतीय स्टेट बैंक का होम लोन सस्ता हो गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि SBI के रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) ने होम लोन इंडस्ट्री का पैटर्न बदल दिया है। SBI ने होम लोन की ब्याज दर में 0.20% की कटौती की है। 1 सितंबर से होम लोन पर ब्याज दर 8.05% होगी।
एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट पर कम ब्याज
1 सितंबर 2019 से, एसबीआई खुदरा सावधि जमा (एफडी) और थोक जमा पर ब्याज की दर में कटौती की जा रही है। बैंक ने बचत बैंक की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। 1 लाख रुपये तक की जमा राशि वाले SBI के ग्राहकों को बचत खाते में 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा जबकि 1 लाख से ऊपर के ग्राहकों को केवल 3 प्रतिशत ही मिलेगा। SBI ने खुदरा सावधि जमा की दर 0.1 से घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दी है। इसके अलावा, थोक जमा दर में 0.3 से 0.7 प्रतिशत की कटौती की गई है।
59 मिनट के भीतर ऑटो लोन, पर्सनल लोन
अपने ग्राहकों को कुछ राहत देने के लिए, बैंकों को 59 मिनट के भीतर ऑटो और व्यक्तिगत ऋण का वितरण करना अनिवार्य है। 1 सितंबर से भारत के कई बैंक देश भर में अपनी शाखाओं में 59 minutes ’सेवाएं शुरू कर चुके हैँ।
रेपो रेट लिंक्ड रिटेल लोन
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 1 सिंतबर से खुदरा ऋण को किफायती बनाने के लिए खुदरा ऋण को RBI की रेपो दर के साथ जोड़ दिया है।
मोबाइल वॉलेट के उपयोग के लिए केवाईसी अनिवार्य
यदि आप मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम, फोनपे इत्यादि का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका पता आपका ग्राहक (केवाईसी) 31 अगस्त तक पूरा हो गया है। 1 सितंबर से बिना केवाईसी वाले मोबाइल वॉलेट आरबीआई ने बंद करना शुरु कर दिया है।