रायपुर, 24 सितंबर 2019

1 सितंबर 2019 को पूरे देश में लागू हुए नये मोटर व्हीकल एक्ट को लागू हुए 24 दिन बीत चुके हैँ। कुछ राज्यों ने विरोध किया, कुछ ने चालान की निर्धारित राशि को कम करके वसूली शुरु की। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य 24 दिन बाद भी  नए मोटर वाहन एक्ट का अध्ययन ही कर रहे हैँ। लेकिन 2.o के नाम से दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार इऩ 24 दिनों में एक नया इतिहास रचने में कामयाब रही है।

1 सितंबर से 21 सितंबर 2109 के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत काटे गए चालान, वसूले गए जुर्माने और चालान कटने के डर से नए बनने वाले लाइसेंस का रिकॉर्ड बन गया है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग से प्राप्त डेटा के मुताबिक बीते 24 दिनों में 10 राज्यों में 10 लाख 50 हजार चालान नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत काटे गए हैं। चालान कटने के डर से इन 10 राज्यों में 6 लाख 35 हजार लाइसेंस सिर्फ 21 दिन में नए बनाए गए हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने में अव्वल रहने वाली राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के मामलों में एकाएक कमी आ गई है। यानि दिल्ली के लोग देश भर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक नियमों का पालन कर रहे हैं।

दिल्ली में 1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच मात्र 77,320 चालान ही काटे गए। जबकि नया कानून लागू होने से पहले के 15 दिनों में चालान कटने का आंकड़ा 3, 59,042 चालानों का  था।  जाहिर है नए कानून में भारी भरकम जुर्माने के प्रावधान ने दिल्ली में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की संख्या में 79 फीसदी तक की कटौती कर दी है। इस पर केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी काफी खुश हैं। गडकरी ने कहा कि ये आंकड़ा बताता है कि कानून का अगर कड़ाई से पालन कराया जाए तो कोई वजह नहीं कि लोग नियम कायदों को मानने से मना कर दें।

नया व्हीकल एक्ट लागू होने के 24 दिनों के भीतर प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट भी बेतहाशा बनाए गए हैँ। प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र लेने के लिए 24 दिनों बाद भी प्रदूषण जांच केन्द्रों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। आरटीओ से प्राप्त डेटा के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच 2 करोड़ 23 लाख से ज्यादा प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। इतना ही नहीं वाहनों का इंश्योरेंस कराने की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। सितंबर महीने में मोटर वाहन बीमा में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।

देश के 10 राज्यों में काटे गए चालान बनाए गए लाइसेंस पर नज़र डालें तो आंकड़े बेहद हैरान करने वाले हैं।

  1. उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच 8 लाख 7 हजार 510 चालान काटे गए हैं। 4 लाख 5 हजार 127 नए लाइसेंस बने हैं और 2 करोड़ 23 लाख प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बने हैं।
  2. हरियाणा में सितंबर के शुरुआती 15 दिनों में 20,000 चालान कटे हैं, 
  3. राजस्थान में नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 95, 182 चालान कटे हैं। 45,553 नए लाइसेंस बने हैं और 3 लाख 29 हजार 965 प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बने हैं।
  4. पंजाब में 35, 600 चालान, 7,234 नए लाइसेंस
  5. मध्यप्रदेश में 5549 चालान, 20,950 नए लाइसेंस
  6. बिहार में 5181 चालान, 1,1154 नए लाइसेंस बने हैं।
  7. दिल्ली में 77,320 चालान, 41,324 नए लाइसेंस और 7 लाख 63 हजार 82 प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बने हैँ।
  8. छत्तीसगढ़ में 12,245 चालान, 1,9408 नए लाइसेंस और 6,087 प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बने हैँ।
  9. गुजरात ने नए मोटर एक्ट के जुर्माने के प्रावधान को कम कर दिया है लिहाजा सिर्फ नए लाइसेंस का आंकड़ा उपलब्ध है। गुजरात में 82,207 नए लाइसेंस सर्टिफिकेट बने हैं।  और 90,000 प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बने हैं।
  10. झारखंड ने भी गुजरात की तरह नये जुर्माने के प्रावधानों को हूबहू लागू नहीं किया है, लेकिन वहां 2288 नए लाइसेंस बने हैं।

नए मोटर व्हीकल एक्ट में निर्धारित भारी भरकम जुर्माने और कोर्ट के चक्कर काटने का ही डर है कि लोग अब हेलमेट लगाकर टू व्हीलर चला रहे हैं और सीट बेल्ट लगाकर ही फोर व्हीलर चला रहे हैं। जो लोग अभी भी नियमों को ठेंगे पर रखकर चलने की आदी हैं, उनको एक बार चालान के चक्कर में पड़ने के बाद अपने आप अक्ल आ जाएगी। जैसा कि गडकरी कहते हैं कि कानून तो हर हाल में लागू होगा। बेहतर होगा पहले ही नियमों की पालना करें ताकि चालान कटने और जुर्माना भरने की नौबत ही नहीं आए।

 

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