रायपुर, 21 मई, 2019
हर साल 21 मई को पूरे देश में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को आतंकवाद के समाज विरोधी कृत्य से लोगों को अवगत कराना है। आतंकवाद की वजह से लोगों को जानमाल का कितना नुकसान उठाना पड़ता है, उससे भी लोगों को अवगत कराया जाता है।
21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक रैली को संबोधित करने गए थे। उसी दौरान एक महिला उनके सामने आई। महिला का संबंध आतंकवादी संगठन एलटीटीई से था। उसके कपड़ों के नीचे विस्फोटक छिपा था। वह जैसे ही राजीव गांधी का पैर छूने के लिए झुकी तेज धमाका हुआ। उस धमाके में राजीव गांधी समेत करीब 25 लोगों की मौत हो गई थी।
उनकी हत्या के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया। इस दिन हर सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और अन्य सरकारी संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है।
आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का मकसद
1. शांति और मानवता का संदेश फैलाना
2. आतंकी गुटों और वे कैसे आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाते हैं, उसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना
3. लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देना
4. युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि वे आतंकी गुटों में शामिल न हों
5. देश में आतंकवाद, हिंसा के खतरे और उनके समाज, लोगों और पूरे देश पर खतरनाक असर के बारे में जागरूकता पैदा करना