रायपुर, हिंदू धर्म में आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। बता दें, जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा अर्चना की जाती है।

इस बार गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान देवी भगवती के भक्त बेहद कड़े नियम के साथ मां के व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान पीपल विधि अनुसार पूजन करके देवी का आशीर्वाद पाने के साथ साथ सभी समस्याओं से मुक्ति पा लेते है।

गुप्त नवरात्रि के दौरान बरतें ये बैठकें-

– नवरात्रि से एक दिन पहले घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें।

– देवी को अर्पण करने के लिए रोली मौली साबुत चावल, धूप, दीप, लौंग, इलायची, सुपारी, गोफल, कुमकुम, मेहंदी, लाल और पीले वस्त्र आदि सभी सामग्री को पहले से ही लाकर घर के पवित्र स्थल पर रख लें।

-ग मे प्याज लहसुन तामसिक चीजों का प्रयोग गुप्त नवरात्रि के दौरान बिल्कुल न करें।

-इन दिनों घर आई हर महिला का अच्छाई करना।

गुप्त नवरात्रि पर ऐसे करें देवी की पूजा अर्चना-

– गुप्त नवरात्र के दौरान आदि शक्ति के (दस सूत्र) महाविद्या मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमिस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धृमावती, माता बगलामुखी, माताजी और कमला देवी की विधि विधान से पूजा की जाती है।

– घर के मंदिर में देवी दुर्गा के चित्र को स्थापित करें।

-रोली मौली आदि सभी सामग्री अर्पण करें और लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का जाप करें।

(ाम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विद्)

– जाप के बाद छोटी कन्याओं को मिठाई और फल बाटें।

-देवी को खुश करके नौकरी में सफलता पाने के लिए गुप्तनवरात्रि पर करें ये महाउपाय-

– गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी असम्भव कार्य को देवी की कृपा से सम्भव किया जा सकता है।

– गुप्त नवरात्रि के दौरान शाम के समय किसी भी लाल आसन पर बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।


– पाठ करने से पहले देवी के समक्ष गाय के घी का एक दीया जलाशय और तांबे के लोटे में जल भरकर रखें।

– पाठ पूरा होने के बाद देवी को मिष्ठान का भोग लगाकर छोटी कन्याओं को बांटे और पूजा-अर्चना में जल के पूरे घर और व्यापारिक स्थान को चटका दिया।

– ऐसा करने से रुका हुआ व्यापार चलेगा और नौकरी में आ रही परेशानी भी देवी की कृपा से दूर होगी।

पूरे नौ दिन चलने वाले इस गुप्त नवरात्रि में धर्मगत आचरण आपके कई दुख और बाधाओं को दूर कर मनोकामना पूर्ण करने वाला साबित होता है।]

0Shares
loading...

You missed