रायपुर, 3 मई 2022

हिमालय परिवार की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिंधु दर्शन यात्रा इस बार भी जून माह में आयोजित की जा रही है। 23 से 26 जून के बीच लेह-लद्दाख में सिंधु दर्शन उत्सव आयोजित किया जाएगा। हिमालय परिवार की ओर से लगातार 26वें वर्ष सिंधु दर्शन यात्रा आयोजित की जा रही है। इस यात्रा में देशभर से हजारों लोग शामिल होते हैं और चार दिनी सिंधु दर्शन उत्सव में शामिल होने के लिए लेह-लद्दाख पहुंचते हैँ।

सिंधु दर्शन यात्रा समिति के प्रमुख संरक्षक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में 26वीं सिंधु दर्शन यात्रा के आयोजन की तैयारियां भारत के अलग-अलग राज्यों में की जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य में हिमालय परिवार के प्रदेशाध्यक्ष साकेत मिश्रा ने बताया कि इस यात्रा का मकसद भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि यात्रा में समस्त भारत और विदेशों में रह रहे सभी समुदायों के भारतीय शामिल होते हैं। इस वर्ष लेह-लद्दाख में सिंधु दर्शन उत्सव को आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को समर्पित किया जा रहा है।

साकेत मिश्रा ने बताया कि सिंधु दर्शन उत्सव समारोह के दौरान लेह में भारत के सभी राज्यों के लोक कलाकार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से एक दूसरे को परिचित कराते हैं। विविधता में एकता का प्रदर्शन करने वाले इस अखिल भारतीय स्तर के उत्सव में भारत के हर प्रांत की छठा देखते ही बनती है।

सिंधु दर्शन यात्रा के लिए पंजीयन जारी

सिंधु दर्शन महोत्सव 23 जून से 26 जून तक सिंधु नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा। तीर्थयात्रा अलग अलग पांच मार्गों से चलेगी। वायु मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली से होगी। चार सडक मार्ग की यात्राएं होगी जो चंडीगढ-मनाली-लेह-जम्मू व जम्मू-लेह-मनाली -चंडीगढ़ से होगी। यह जानकारी हिमालय परिवार के नव नियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेन्द्र चौहान ने दी।  उन्होंने बताया कि सिंधु दर्शन यात्रा के लिए पंजीयन पत्र मिल रहे हैं। इसके लिए रायपुर में अमृत संदेश कॉम्पलेक्स स्थित हिमालय परिवार के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

 लेह लद्धाख में सिन्धु माता की पूजा अर्चना, बहिराणा साहिब की पूजन के साथ एकता, अखण्डता, सद्भाव एवं समन्वय का प्रतीक सिन्धु दर्शन उत्सव आयोजित होगा। यात्रा में शामिल होने वाले यात्री सिंधु नदी में डुबकी लगाकर भारतीय संस्कृति के फलने-फूलने की प्रार्थना करते हैं। लेह-लद्दाख की अनूठी छठा, अद्भुत कुदरती नजारे, आसमान को छूती पहाड़ों की चोटियां, करगिल, चुंबकीय पहाड़, नदी –नाले, झरने और ऊंचे-ऊंचे विशाल वृक्षों से लदी घाटियां यात्रियों को रोमांच से भर देती हैं।

साकेत मिश्रा ने बताया यात्रियों के ठहरने, खाने-पीने, और आने-जाने का इंतजाम हिमालय परिवार के देशभर में फैले वालंटियर के जरिये किया जाता है। लेह में पहुंचने पर सभी का सिंधु भवन में स्वागत किया जाता है।

इस वर्ष सिंधु दर्शन यात्रा समिति के प्रमुख संरक्षक इंद्रेश कुमार ने लोगों को बड़ी संख्या में यात्रा में शामिल होने का आह्वान किया है।

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