जयपुर, 19 जून 2020

284 साल में ये पहली बार है जब पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस बार नहीं निकाली जाएगी। पुरी की रथ यात्रा में लाखों लोगों की भीड़ जुटने और कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बार भगवान जगन्नाथ की  रथ यात्रा निकालने पर रोक लगा दी है। रथ यात्रा का आयोजन 23 जून से होना था। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए रथ यात्रा के आयोजन पर रोक लगाते हुए कहा, “रथ यात्रा और उससे जुड़ी गतिवधियों के कारण बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं. अगर हमने इसकी इजाजत दी तो प्रभु जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे.”

284 साल पहले 1733 से 1735 के बीच रथ यात्रा नहीं हो सकी थी, क्योंकि उस वक्त तकी खान ने पवित्र मंदिर पर हमला किया था और मूर्तियों को किसी और स्थान पर रखना पड़ा था। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार 4 प्रमुख धामों में से एक जगन्नाथ धाम से शुरू होने वाली ये यात्रा 10 दिन तक चलती है. ओडिशा के तटीय शहर पुरी में होने वाली इस रथ यात्रा पर भी इस बार कोरोना की मार पड़ गई. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 18 जून को अपने आदेश में इस साल की यात्रा के आयोजन पर रोक लगा दी.

प्रभु जगन्नाथ की इस रथ यात्रा का भक्तों को साल भर इंतजार रहता है. 10 दिन तक चलने वाले आयोजन में देशभर से लाखों लोग जुटते हैं और रथ यात्रा में शामिल होते हैं. इसमें प्रभु जगन्नाथ के 45 फुट लंबे रथ को खींचा जाता है. भारत में कई तरह के धार्मिक उत्सव लगभग पूरे साल होते रहते हैं. कई प्रमुख त्योहारों में से एक है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा. हर साल करीब इसी दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान श्रीकृष्ण, सुभद्रा और बलराम की रथ यात्रा निकाली जाती है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रमुख है पुरी में होने वाली रथ यात्रा. कई दिनों तक चलने वाला ये आयोजन सदियों से चल रहा है, लेकिन अब पहली बार कोरोना वायरस महामारी के कारण इसका आयोजन रोकना पड़ रहा है.

कोरोना के कारण पहले ही ईस्टर और ईद जैसे त्योहारों की चमक इस साल फीकी पड़ गई. वहीं आने वाले दिनों में महाराष्ट्र समेत देशभर में 9 दिनों के गणेशोत्सव का आयोजन भी होना है, लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए इस त्योहार पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.

 

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By Admin

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