नई दिल्ली,

अगर कोई भी आप से सिक्के लेने से मना करता है तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की नई फैसिलिटी शुरू की है.RBI ने एक बार फिर कहा है कि 50 पैसे से लेकर 10 रुपये तक के सभी सिक्के मान्य हैं और चलन में हैं. कोई भी इन सिक्कों को लेने से इनकार नहीं कर सकता है. रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि उनकी शाखाओं में ऐसे सभी सिक्के स्वीकार किए जाएं. अगर कोई भी आप से सिक्के लेने से मना करता है तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की नई फैसिलिटी शुरू की है.

RBI की वेबसाइट पर शिकायत प्रबंधन प्रणाली (CMS) की शुरुआत की गई है. इसके पीछे केन्द्रीय बैंक का मकसद समय से शिकायतों को हल कर कस्टमर एक्सपीरियंस बेहतर बनाना है.इस CMS पर ग्राहक पब्लिक इंटरफेस वाली किसी भी रेगुलेटेड एंटिटी वाणिज्य बैंक, शहरी सहकारी बैंक और एनबीएफसी के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. इस प्रणाली पर दर्ज कराई जाने वाली शिकायत को उपयुक्त लोकपाल या रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया जाएगा.

मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर किया जा सकेगा इस्तेमाल
CMS को डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. रिजर्व बैंक की योजना इसे जल्द ही एक प्रतिबद्ध इंटरएक्टिव वॉयस रेस्पांस (IVR) प्रणाली से जोड़ने की भी है ताकि शिकायत की स्थिति को देखा जा सके.

ज्यादा पारदर्शी बनेगी प्रक्रिया
CMS को लॉन्च करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह एप्लीकेशन पारदर्शिता को और बेहतर बनाती है. यह एप्लीकेशन ऑटो जनरेटेड एक्नॉलेजमेंट्स के जरिए शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायत मिलने के बारे में सूचित करेगी. साथ ही उन्हें अपनी शिकायतों का स्टेटस ट्रैक करने में सक्षम बनाएगी. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर शिकायतकर्ता बैंकिंग लोकपाल के फैसलों के खिलाफ ऑनलाइन अपील भी कर सकेंगे. शिकायतकर्ता चाहें तो शिकायत के निवारण को लेकर अपने अनुभव पर फीडबैक भी दे सकते हैं. इसलिए जरूरी है शिकायतों का जल्द निपटारा?
दास ने जोर दिया कि शिकायतों के जल्द व प्रभावी निपटारे के जरिए बैंकों व अन्य वित्तीय सेवा प्रोवाइडर्स में कंज्यूमर का विश्वास कायम रखना और एजुकेशन के जरिए कस्टमर्स को सशक्त बनाना बैंकिंग सिस्टम में विश्वास कायम रखने के लिए जरूरी है. अलर्ट और जागरुक कस्टमर प्रभावी तरीके से खुद को धोखे, जालसाजी या फ्रॉड आदि से बचा सकता है.

आगे कहा कि कस्टमर्स के बीच जागरुकता फैलाने के लिए हमने CMS पोर्टल पर सेफ बैंकिंग प्रैक्टिसेज व RBI की अन्य महत्वपूर्ण ग्राहक केन्द्रित नियामकीय पहलों पर युवा रोल मॉडल्स की वीडियो भी डाली हैं. इनमें खिलाड़ी भी शामिल हैं.

कस्टमर्स की अपेक्षाएं समझने में भी होगी मदद
दास ने कहा कि CMS पर मौजूद डाटा का इस्तेमाल बैंकों व वित्तीय सेवा प्रोवाइडर्स द्वारा शिकायतों के जल्द निपटारे और शिकायत निवारण प्रणाली मजबूत बनाने में किए जाने की उम्मीद है. इस डाटा का इस्तेमाल शिकायतों के कारण, कस्टमर को किस बात से तकलीफ है, उनकी अपेक्षाएं क्या हैं, आदि समझने में भी किया जाना चाहिए. ताकि सर्विसेज को बेहतर बनाया जा सके.

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