बिलासपुर, 26 अप्रैल
शहर के सर्राफ परिवार के लिए बीत 5 दिन बड़े कष्ट भरे रहे लेकिन शुक्रवार की सुबह 5 बजे जब उनके घर पर किसी ने दस्तक दी, तो आंसुओं से भरी आंखें खुशी से चमक उठी। घर के दरवाजे पर सामने ‘विराट’ खड़ा था। ‘विराट’ सर्राफ परिवार के जिगर का टुकड़ा, सर्राफ परिवार की आंखों का तारा, उनका लाड़ला विराट। बिलासपुर पुलिस के जवान विराट को 5 दिन बार अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आजाद कराकर उसे सकुशल वापस घर लौटा लाये।

फिल्मी स्टाइल की इस कहानी में दर्द है, सस्पेंस हैं, बेचैनी है, गुस्सा है और अंत में हर हिंदी फिल्म की तरह खुशी के आंसू औऱ पुलिसवालों के लिए दुआएं हैँ।
5 दिन पहले बिलासपुर की कश्यप कॉलोनी में भाजपा कार्यालय के सामने से 7 साल के विराट सर्राफ का कुछ कार सवाल लोगों ने अपहरण कर लिया था। विराट के अपहरणकर्ता कौन थे, किस मकसद से उसे अगवा किया गया, इसकी कोई जानकारी किसी के पास नहीं थी, पुलिस भी अंधेरे में तीर चला रही थी। विराट के अपहरण से पूरा बिलासपुर शहर गुस्से से भर गया था। हर कोई अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहा था। पुलिस प्रशासन और सरकार पर चुनावी प्रेशर के साथ-साथ विराट को खोज निकालने का भी भारी दबाव था।

खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले को लेकर संजीदा था। आखिरकार 5 दिन बाद पुलिस को जैसे ही अपहरणकर्ताओं का इनपुट मिला। रात में ही मिनीमाता बस्ती में छापा मारकर पुलिस ने 7 साल के विराट सर्राफ को एक घर से बरामद कर लिया। पुलिस ने मौके से 5 लोगों को हिरासत में भी लिया है।

विराट को सकुशल घर पहुंचाकर पुलिस ने अपहरण की कड़ियां जोड़नी शुरु कर दी हैँ।
शुरुआती जांच में पता चला है कि विराट का दादा कबाड़ का धंधा किया करते थे। जिस वजह से जरहाभाठा मिनीं बस्ती में रहने वाले एक कबाड़ी को नुकसान उठाना पड़ा था। इसी नुकसान की भरपाई करने के लिए कबाड़ी ने मासूम विराट का अपहरण करा लिया और फिरौती वसूलने की तैयारी में था। लेकिन अपहरणकर्ताओं के मंसूबे कामयाब हो पाते उससे पहले ही पुलिस ने बच्चे को खोज निकाला।

पुलिस अब पूरे मामले की एक-एक कड़ियां जोड़ने में जुटी है…वहीं अपने कलेजे के टुकड़े को सकुशल वापस पाकर रोती बिलखती मां को सारे जहां की खुशियां मिल गई हैं। वो बार-बार अपने बेटे को चूम रही है उसे अपने सीने से लगाए हुए है।

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