रायपुर,

11 दिसंबर 2018 को 68 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद संभालने से लेकर आज की तारीख तक क्या काम किया है और क्या रही हैं सरकार की उपलब्धियां, ये जानना हर नागरिक के लिए जरूरी है। आमतौर पर होता यह है कि जनता वोट देती है, परिणाम में नतीजे देखती है और फिर भूल जाती है। 5 साल बाद याद करती है कि उनकी सरकार और उनके चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने क्या किया और क्या नहीं किया। 60 महीने के बाद गिले-शिकवे और शिकायतों का अंबार इक्ट्ठा होता है, बेहतर होगा जनता अपने चुने जन प्रतिनिधि और चुनी हुई सरकार के हर दिन के काम का हिसाब रखे। हर तिमाही-छमाही में उनके कामकाज की समीक्षा करे और 60 महीने बाद फिर होने वाले चुनावों को लेकर अपनी राय बनाए। वेब रिपोर्टर आपके लिए इसीलिए लेकर आया है भूपेश बघेल सरकार के 6 महीने 14 दिन के दौरान किये गए कामकाज का लेखा-जोखा।

6 महीने 14 दिन में भूपेश सरकार द्वारा किये गये काम और लिये गये निर्णय

-  प्रदेश के किसानों को देश में सबसे ज्यादा 2500 रू. प्रति क्विंटल धान का दाम दिया।

-  सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों से 2500 रू. प्रति क्विंटल में धान खरीदी की घोषणा।
 -वर्ष 2018-19 में 80,37,011 मीट्रिक टन धान खरीदी की।
 – इस वर्ष सरकार बनने के पहले खरीदे गए धान का भुगतान 2500 रू. से करने के लिए अंतर की
राशि प्रदाय की गई।
 -लगभग 3000 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।
 – अल्पकालीन कृषि ऋण माफ

- प्रदेश में पहली बार किसानों के लिए व्यापक ऋण माफी योजना पर अमल।
 – 19 लाख किसानों का 11 हजार करोड़ रूपए से अधिक का कर्जा माफ।
 – सहकारी और ग्रामीण बैंकों के अलावा व्यावसायिक बैंको से लिया गया कृषि ऋण माफ।
 -किसानों के नानपरफॉर्मिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट का निर्णय।
 – राज्य शासन पर 600 करोड़ रू. का व्यय भार।
 – बकाया सिंचाई कर माफ

 – लगभग 300 करोड़ रूपए का कर्ज माफ।
 – लगभग 15 वर्षों से किसानों पर लंबित था सिंचाई कर।
 – किसानों के लिए नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना लागू।
 – गांवों में पशुधन विकास, जल संवर्धन, हरा पोषण आहार आदि क्षेत्रों के विकास से ग्रामीण
अर्थव्यवस्था मजबूत करने की पहल।
 – हर गांव में गौठान के लिए 3 एकड़ भूमि सुरक्षित रखने के निर्देश जारी।
- 1646 ग्राम पंचायतों में गोठान निर्माण शुरू।
- बायो गैस प्लांट तथा कम्पोस्ट इकाईया लगाने की तैयारी।
- हर गांव के 10 युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार।
 -गरीबों को प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल।
- प्रदेश में गरीबों को प्रति सदस्य 7 किलो चावल देने की योजना प्रचलन में होने से खाद्यान्न सुरक्षा
कानून की मंशा पूरी नहीं हो रही थी।
 -प्रत्येक राशन कार्ड 35 किलो चावल तथा परिवार में सदस्यों की संख्या 5 से अधिक होने पर प्रति सदस्य 7 किलो अतिरिक्त चावल देने की घोषणा।
- घोषणा के क्रियान्वयन हेतु बजट प्रावधान।
 -मंत्रिमण्डल का निर्णय, क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त
- छोटे भू-खण्ड की खरीद-बिक्री से रोक हटाई।

 -तत्काल प्रभाव से 5 डिसमिल से कम भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री से रोक हटाई गई, जिसके कारण
लगभग 30000 भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री हुई।
- मध्यम तथा निम्न वर्ग को अपनी योजना के अनुसार आवश्यक धनराशि व्यवस्था की मदद मिली।
 – चिटफंड कम्पनी से प्रभावितों को राहत
 चिटफंड कम्पनी में काम करने वाले स्थानीय युवाओं के खिलाफ आपराधिक प्रकरणों को वापस लेने हेतु प्रक्रिया प्रचलन में।
 -चिटफंड कम्पनियों में निवेशकों की राशि वापस करने हेतु लोढ़ा कमीशन का लाभ दिलाने
विकासखण्ड स्तर पर निःशुल्क सहायता शिविर आयोजित।
 -भूमिहीनों को पट्टा

 -19 दिसम्बर 2018 के पूर्व से कच्चे-पक्के मकान बनाकर रहने वाले 1,39,730 परिवारों को मिलेगा 30 वर्षीय पट्टा।
- 1994 से 2003 तक वितरित लेकिन रद्द पट्टों का भू-स्वामित्व  के साथ नवीनीकरण।
 -65,750 परिवारों को आवास बनाने के लिए नहीं मिल पा रही थी उन्हें अधिकतम 2.29 लाख रू. प्रति आवास की मदद।
 -निर्णय अनुसार कार्यवाही प्रचलन में।
 – 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा
 -01 मार्च 2019 से क्रियान्वयन प्रारंभ।
 -अब उपभोक्ताओं को 400 यूनिट बिजली खपत पर प्रति यूनिट 2.75 रूपए देय, इससे पहले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 5.30 रूपए देने पड़ते थे।
- घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष 950 करोड़ रूपए की सौगात।
 -युवाओं को रोजगार

 -हजारों पदों पर नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू।
 काॅलेजों में 1345 सहायक प्राध्यापक भर्ती, विज्ञापन जारी।
 -कालेजों में 61 खेल अधिकारी भर्ती, विज्ञापन जारी।
 स्कूलों में 15 हजार से अधिक शिक्षक भर्ती, विज्ञापन जारी।
 – 800 से अधिक नर्सों भर्ती, विज्ञापन जारी।
 मूल निवासियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट, आदेश जारी।
 -5वीं अनुसूची के जिलों में बस्तर, सरगुजा संभाग तथा कोरबा जिले में तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों के भर्ती हेतु तीन वर्षों की छूट, आदेश जारी।
 -बस्तर तथा सरगुजा संभाग में कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन एनएमडीसी के नगरनार प्लांट में
ग्रुप सी तथा डी की भर्ती परीक्षा दंतेवाड़ा में ही कराने को लेकर एनएमडीसी को कराया सहमत
 -हर संभाग में कामकाजी महिला आवास गृह।
 बजट में घोषणा
 क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही प्रचलन में।
 मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की बजट में घोषणा।

-अनुदान राशि 15 हजार बढा़कर कर 25 हजार रू. किया।
 – दिव्यांगजनों के विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रूपए।
 -लाइवलीहुड काॅलेजों में कन्या छात्रावास की घोषणा, बजट में घोषणा , क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही प्रचलन में।
 बालोद जिले में महिला महाविद्यालय, बजट में घोषणा, क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही प्रचलन
में।
 -अनु.जाति, अनु.जनजाति बालिका  छात्रावासों में सुरक्षा अमला तथा बाउण्ड्रीवाल आदि निर्माण की बजट में घोषणा, क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही प्रचलन में।
 आदिवासियों की जमीन वापसी, लोहण्डीगुड़ा (बस्तर) में उद्योग नहीं लगाने पर टाटा से जमीन वापस लेकर आदिवासियों को लौटाई।
 -4200 एकड़ जमीन वापस, राजस्व अभिलेखों में  नाम दर्ज , कार्यवाही पूर्ण।
 -आदिवासियों को रोजगार, देश में सबसे ज्यादा तेंदूपत्तता मजदरी 4000 रू. प्रति मानक बोरा।
 अब 15 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर।
 फूड पार्कों का शिलान्यास।
 बस्तर में कनिष्ठ कर्म चारी चयन बोर्ड का गठन-घोषणा। (स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता)
 भोपालपट्टनम में लगेगा एशिया का सबसे बड़ा कागज कारखाना-घोषणा।
 नक्सल पीड़ित युवा बेरोजगारों को डीएमएफ मद से बीएड की डिग्री पूर्ण होने पर मिलेगा
रोजगार-घोषणा।
 आदिवासियों का अधिकार

 बस्तर तथा सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों में पहले मुख्यमंत्री ही अध्यक्ष होते थे, अब
स्थानीय विधायकों को अध्यक्ष -उपाध्यक्ष का पद।
 निरस्त वनाधिकार पट्टों की समीक्षा।
 नक्सल प्रभावित अंचलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा।
 5वीं अनुसूची के तहत जिलों में तृतीय, ततुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों की भर्ती हेतु आगामी
3 वर्षों तक की छूट, जो बस्तर, सरगुजा संभाग तथा कोरबा जिला  में भी लागू।
 आदिवासी अंचलों में नई पहल

 इंद्रावती नदी विकास प्रधिकरण का गठन-घोषणा।
 बस्तर में ’आदिवासी संग्रहालय’ की स्थापना-घोषणा।
 भोपालपट्टनम में बनेगा अंतरराज्यीय बस स्टैण्ड-घोषणा।
 पिता के जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र के साथ मिलेगा जाति प्रमाण
पत्र-घोषणा।
 तोंगापाल, गादीरास एवं जगरगुण्डा को उप-तहसील का दर्जा-घोषणा।
 पोलमपल्ली में मिनी स्टेडियम व इंतागुड़ा में नल-जल योजना की स्वीकृति-घोषणा।
 बस्तर के किसानों से हुई धोखाधडी पर होगी कड़ी कार्यवाही-घोषणा।
 विकास परियोजनाओं के लिए किसानों से ली गई जमीन का मुआवजा
 पुनर्वास नीति के पालन का दृढ़ संकल्प विकास परियोजनाओं के लिए कृषि भूमि के अधिग्रहण पर
बाजार दर से 4 गुना मुआवजा देने हेतु कानून में संशोधन का प्रस्ताव।
 सार्वजनिक उपक्रमों से लेकर निजी संस्थाओं तक को सख्त हिदायत कि स्थानीय लोगों के हितों की कतई उपेक्षा न की जाए- निर्देश जारी।
 पुनर्वास नीति के अनुरूप प्रभावित परिवारों को मिले  रोजगार-आदेश जारी।
 प्रभावित परिवारों द्वारा अपने  अधिकारों की मांग किए जाने पर नहीं हो किसी भी तरह की
प्रताड़ना-निर्देश जारी।
 प्रभावित लोगों के लोकतांत्रिक रूप से अपने हितों की रक्षा के लिए प्रदर्शन पर दर्ज आपराधिक प्रकरण तत्काल वापस कराने के निर्देश जारी।
 कर्मचारी कल्याण के निर्णय

 निम्न प्रकरणों में आदेश जारी –
 राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता 5 से बढ़कर 9ः

 आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक रिस्पान्स भत्ता।
 आपदा से निपटने वाले जवानों को मानदेय का 50 प्रतिशत जोखिम भत्ता।
 अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दुरूपयोग के  मामलों की पुनः समीक्षा।
 कामकाजी महिलाओं को कार्य स्थल पर सुरक्षित।
 आवास सुविधा देने के लिए हर संभाग में एक आवास गृह बनाने का निर्णय।

 झीरम घाटी हत्याकांड, एसआईटी जाँच जारी।
 विभिन्न विभागों में उजागर भ्रष्टाचार,  ईओडब्ल्यू जाँच जारी।
 राजिम कुम्भ का नाम माघी पुन्नी करने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित।
 पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित/आदेश जारी।
 वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि, प्रतिमाह 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार। (यह राशि पहले 5 वर्ष के लिए थी, अब आजीवन)
 सम्मान निधि के लिए न्यूनतम आयु 60 वर्ष से प्रारंभ होकर आजीवन।
(पहले 62 वर्ष थी)
 – पत्रकारों को स्वयं या उनके आश्रित परिवार के सदस्यों की बीमारियों के इलाज हेतु दी जाने वाली न्यूनतम राशि 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए और अधिकतम 50 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए।
 -सोशल मीडिया पर ‘‘फेक न्यूज’’ की माॅनिटिरिंग हेतु राज्य स्तरीय विशेष माॅनिटिरिंग सेल का गठन।

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