नई दिल्ली, 12 अगस्त 2021
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई सचूना के अनुसार, 28 जुलाई 2021 की स्थिति के अनसुार प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत कुल निष्क्रिय खातों की संख्या लगभग 5.82 करोड़ है. उन्होंने कहा कि निष्क्रिय खातों की संख्या की प्रतिशतता मार्च 2020 में 18.08 प्रतिशत से जुलाई 2021 में कम होकर 14.02 प्रतिशत हो गयी है.
कब इनऑपरेटिव हो जाता है बैंक खाता?
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार जब किसी खाते में लगातार दो साल या उससे अधिक दिनों तक कोई लेन देन नहीं होता है तो वह खाता इन ऑपरेटिव हो जाता है. यानी ये 5.82 करोड़ जन धन खाते ऐसे हैं, जिनमें कम से कम 2 साल से कोई लेन देन नहीं हुआ है. ये चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि सरकार की तमाम वेलफेयर स्कीम और ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत इन्हीं खातों में पैसे भेजे जाते हैं.
पुराने सेविंग अकाउंट को बदलें जनधन खाते में
इसके लिए आपको बैंक जाकर एक फॉर्म भरना होगा और अपने खाते के एवज में RuPay कार्ड के लिए आवेदन करना होगा. फॉर्म भरने के बाद इसे बैंक में सब्मिट करें. इसके बाद आपका खाता जनधन खाते में बदल जाएगा.
आधार कार्ड की जानकारी दें निष्क्रिय खाते को करें सक्रिय
आप अपने आधार कार्ड की पूरी जानकारी देकर भी जनधन अकाउंट को चालू कर सकते हैं. जन धन खातों में कोई ट्रांजेक्शन न होने पर इसे बंद कर दिया जाता है. आप अपने खाते को लेनदेन के माध्यम से सक्रिय करवा सकते हैं.
कैसे खोले अकाउंट?
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता पब्लिक सेक्टर बैंकों में ज्यादा खोला जाता है. लेकिन, अगर आप चाहें तो प्राइवेट बैंक में भी अपना जनधन अकाउंट खोल सकते हैं. अगर आपके पास कोई और सेविंग अकाउंट है तो आप उसे जनधन खाते में भी बदल सकते हैं. भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक, जिसकी उम्र 10 वर्ष या उससे ज्यादा है, जनधन खाता खुलवा सकता है.
1.30 लाख रुपए का लाभ
प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए अकाउंट में अकाउंट होल्डर को कुल 1.30 लाख रुपए का लाभ दिया जाता है. इसमें दुर्घटना बीमा भी दिया जाता है. अकाउंट होल्डर को 1,00, 000 रुपए का दुर्घटना बीमा और साथ में 30,000 रुपए का जनरल इंश्योरेंस दिया जाता है. ऐसे में अगर खाताधारक का एक्सीडेंट हो जाता है, तो 30,000 रुपए दिए जाते हैं. अगर इस हादसे में अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है, तो एक लाख रुपए दिए जाते हैं, यानि कुल मिलाकर 1.30 लाख रुपए का फायदा मिलता है.