रायपुर,
प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने 6 माह बीत चुके हैं। सत्ता में आने से पहले और सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वादा किया था कि जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। लेकिन घोषणा के 6 माह बीत जाने के बाद भी पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई है। इससे प्रदेश भर के पत्रकारों में नाराजगी है। भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ ने इसे लेकर 7 जुलाई को एक अहम बैठक बुलाई है। जिसमें प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनका किया हुआ वादा याद दिलाया जाएगा और पत्रकार सुरक्षा कानून की दिशा में कड़े कदम उठाने की अपील की जाएगी।
7 जुलाई को अवंति विहार में भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ की बैठक होगी।
गौरतलब है कि पूर्व की सरकारें भी पत्रकारों को पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के नाम पर दशकों तक गुमराह करती रही हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के इसी धोखे से नाराज पत्रकारों ने रमन सरकार की असलियत को जनता के सामने बेपर्दा किया था, जिसके चलते जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया।
अब सत्ता कांग्रेस के पास है, कांग्रेस ने भी पत्रकारों के कंधों पर चढ़कर सत्ता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने अपने दायें-बायें दो वरिष्ठ पत्रकारों को सलाहकार के तौर पर भी रखा हुआ है, उसके बावजूद अगर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून कांग्रेस सरकार लागू नहीं कर पाती है, तो ये न सिर्फ पत्रकारों के लिए बल्कि पत्रकारिता जगत के लिए भी बड़ा धोखा होगा।
अपील है कि 7 जुलाई को होने वाली अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ की बैठक में पधारकर संघर्ष को समर्थन दें और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में सहयोग करें।