सतनामी कल्याण समिति बंधवा की विभिन्न मांगों पर उनके निराकरण का दिया आश्वासन
मुंगेली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा गुरूघासीदास का संदेश है कि सत्य ही मानव जीवन काआभूषण है। सत्य से ही सत्कर्म, सदभाव और सदगुणों का विकास होता है। उन्होनें कहा कि बाबा का संदेश आज भी औचित्य पूर्ण और प्रासंगिक है।
वे आज मुंगेली जिले की तहसील लालपुर मुख्यालय में सतनामी समाज द्वारा आयोजित बाबा गुरूघासी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि सभी मनुष्य एक समान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा ने हमे समता मूलक समाज की स्थापना का संदेश दिया।
उन्होनें कहा कि बाबा ने हमें आडंबर, काम क्रोध अंध भक्ति, मोह, बलि प्रथा का त्याग कर प्रेम और भाई चारे से जीने का संदेश दिया। श्री बघेल ने कहा कि बाबा ने महिला और पुरूष दोनो को समान दर्जा दिया और समानता का व्यवहार किया। उन्होंनें कहा कि पंथी गीत के माध्यम से बाबा ने छत्तीसगढ़ी भाषा का सम्मान किया। हमारे बीच आपसी भाई चारा प्रेम और सदभाव की भावना होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सतनामी कल्याण समिति बंधवा की विभिन्न मांगों पर उनके निराकरण का आश्वासन दिया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी तथा ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि बाबा के संदेश का अनुशरण करते हुए हमे ऐसा काम करना चाहिए जिससे किसी दुसरे व्यक्ति को कष्ट न हो तभी हमारा जीवन सफल होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा घोषणा पत्र में 36 कार्यो का उल्लेख किया गया था इनमें से 24 कार्य पूरे किये जा चुके है। उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा हैै कि राज्य के सभी समाज वर्गो के लोगों को उनके विकास का समान अवसर मिले।
समारोह को नगरीय प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया, विधायक धर्मजीत सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक पुन्नूलाल ने भी संबोधित किया।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जैतखाम की पूजा-अर्चना की और जैत खाम में सफेद ध्वज का रोहण किया। कार्यक्रम के अंत में डी एस भास्कर ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर सांसद अरूण साव, पूर्व राज्य सभा सदस्य श्रीमती कमला मनहर, लोरमी जनपद अध्यक्ष श्रीमती मीना नरेश पाटले, श्रीमती सीमा वर्मा, अटल श्रीवास्तव, कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नुपुर राशि पन्ना, सतनामी समाज के पदाधिकारी, सदस्य सहित बड़ी संख्या में सतनाम पंथ के अनुयायी उपस्थित थे।