रायपुर, 8 मई 2021
कोरोना की वजह से गंभीर आर्थिक संकट में है किसान
छ.ग. किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि कोरोना काल में गरीब ग्रामीणों और किसानों को सबसे ज्यादा रोजगार और आजीविका के संकट का सामना करना पड़ रहा है। खेती-किसानी को भारी नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान से उनको बचाने के लिए कोई विशेष कदम भी नहीं उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने अपने संवैधानिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से इंकार कर दिया है। इससे किसान और कृषि अर्थव्यवस्था संकट में फंस गई है।
किसानों के साथ न्याय करे सरकार
किसान सभा के नेताओं ने कहा है कि जब मोदी सरकार किसानों के लिए सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने से इंकार कर रही है, कृषि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने तथा किसानों की मदद के लिए किसान न्याय योजना के रूप में एक अच्छी पहल कांग्रेस की राज्य सरकार ने की है। इस योजना से हर किसान परिवार को औसतन 27000 रुपये से अधिक मिलेंगे। यदि इस संपूर्ण राशि का एकमुश्त भुगतान हो जाता है, तो इससे आर्थिक रूप से चौपट किसानों को आसन्न खरीफ मौसम की खेती-किसानी के लिए काफी मदद मिलेगी, उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और घरेलू बाजार में उछाल आएगा। उन्होंने कहा है कि कोरोना के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाव के चलते किसानों को अपने स्वास्थ्य पर भी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है और उन्हें इस समय आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है।
23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आए
किसान सभा नेताओं ने कहा है कि जब कोरोना संकट के कारण पूरे देश मे 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं और सबसे गरीब 20% लोगों की आमदनी पूरी तरह से नष्ट हो गई है, तो छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवार और ग्रामीण जन भी इससे प्रभावित हुए हैं। ऐसे संकट के समय में किसान सभा किसानों की कोई राशि रोक कर रखने के पक्ष में नहीं है।बजट में प्रावधान होने के बाद न्याय योजना की पूरी राशि एकमुश्त प्राप्त करने का किसानों का जायज हक़ बनता है।