रायपुर, 10 अगस्त 2021

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में राज्य के किसानों की सुविधा के लिए एकीकृत किसान पोर्टल (यूएफपी)तैयार किया जा रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों सहित राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए किसान पंजीयन करा सकेंगे। निकट भविष्य में कृषकों से संबंधित अन्य योजनाओं को भी इसी पोर्टल में समाहित करने का प्लान है। कृषि, वन ,उद्यानिकी बीज विकास निगम एवं एनआईसी के अधिकारी इस पोर्टल को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। एकीकृत किसान पोर्टल राजस्व विभाग के भुईयां पोर्टल से लिंक रहेगा ,ताकि भूमिस्वामी किसान के द्वारा धारित भूमि का खसरा और रकबे का मिलान हो सके।

एकीकृत किसान पोर्टल के प्रारंभिक स्वरूप के संबंध में चर्चा एवं सुझाव को लेकर आज यहां सर्किट हाउस के कांक्लेव हाल में कृषि विभाग की ओर से प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन हुआ। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ एम. गीता, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक उद्यानिकी  माथेश्वरन व्ही., छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के प्रबंध संचालक अनिल साहू, राज्य सूचना अधिकारी पीएन सिंह, संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा, वन मंडलाधिकारी वरुण जैन की विशेष मौजूदगी में आयोजित कार्यशाला में रायपुर एवं दुर्ग संभाग के सभी जिलों के राजस्व, कृषि, वन, उद्यानिकी, खाद्य एवं सहकारी समितियों के अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यशाला के प्रारंभ में राज्य सूचना अधिकारी सिंह ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से एकीकृत किसान पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और अधिकारियों के प्रश्न शंकाओं का समाधान किया। डीएफओ वरुण जैन ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के प्रावधान और पोर्टल में पंजीयन के दौरान ध्यान रखे जाने वाले बातों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत संयुक्त वन प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायत एवं वन भूमि पट्टाधारी कृषक यदि वृक्षारोपण करते हैं और अप्रैल 2022 की स्थिति में भौतिक सत्यापन के दौरान रोपित पौधों में से यदि 80 प्रतिशत पौधे जीवित रहते हैं, तो संबंधितों को 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ एम. गीता ने कहा कि इस पोर्टल को तैयार करने का उद्देश्य राज्य के सभी वर्ग के कृषकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक प्लेटफार्म पर लाना है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के फाइनल होते ही राजीव गांधी किसान ने योजना के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल पर इंपोर्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने कार्यशाला में शामिल अधिकारियों के प्रश्न एवं सुझावों की सराहना की और कहा कि आप सब के उत्साह और सहभागिता को देखकर यह स्पष्ट पता चलता है कि आप सब फील्ड में किसानों को शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ दिलाने में जुटे हैं।

उन्होंने प्रतिभागी अधिकारियों को मोबाइल अथवा ईमेल के माध्यम से एकीकृत किसान पोर्टल को बेहतर बनाने के लिए आगे भी अपने सुझाव आगामी दो-तीन दिनों में मोबाइल मैसेज अथवा ईमेल के माध्यम से भेजने का आग्रह किया।

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