नई दिल्ली,

दिल्ली मेट्रो को खड़ा करने वाले मेट्रोमैन ई. श्रीधरन को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महिलाओं को मेट्रो में फ्री यात्रा कराने की योजना पसंद नहीं आई है। ई. श्रीधरन ने इस योजना पर सवाल खड़े करते हुए और इसे तत्काल बंद किये जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ई. श्रीधरन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि सब्सिडी देने की परम्परा से मेट्रो द्वारा विदेशी एजेंसियों से लिया गया क़र्ज़ चुका पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो की इस प्रतिबद्धता का पालन देश के अन्य शहरों की मेट्रो सेवा द्वारा भी किया जा रहा है।

श्रीधरन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगर सरकार सचमुच किसी को मुफ़्त यात्रा सुविधा देने के लिए कोई उपाय करना चाहती है तो इसके लिए मेट्रो की मौजूदा प्रणाली में कोई बदलाव करने की जगह लाभार्थी को लाभ राशि सीधे उसके बैंक खाते में देना (डीबीटी) बेहतर उपाय होगा।

उन्होंने जानकारी दी कि ‘साल 2002 में मेट्रो सेवा शुरू होने के समय ही हमने किसी तरह की सब्सिडी नहीं देने का सैद्धांतिक फ़ैसला किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसकी तारीफ की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने भी उद्घाटन के समय खुद टिकट खरीदकर मेट्रो यात्रा कर इस बात का संदेश दिया था कि मेट्रो सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।’

श्रीधरन का यह भी कहना है कि अगर दिल्ली में मुफ़्त यात्रा सेवा शुरू होगी तो ऐसी माँग अन्य शहरों में भी उठेगी।

दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल की क्या थी योजना ?

दिल्ली के सीएम केजरीवाल के मुताबिक, मेट्रो ने इस योजना को लागू करने के लिए अपने प्रस्ताव में दो प्लान दिए हैं। पहले प्रस्ताव में सॉफ्टवेयर बदलने की बात है, जिससे महिलाएं मेट्रो कार्ड और टोकन से फ्री सफर कर सकेंगी। इसे लागू करने के लिए मेट्रो ने एक साल से ज्यादा समय मांगा है। दूसरे प्रस्ताव में महिलाओं को पिंक टोकन जारी करने की बात है। मेट्रो ने इसमें कम से कम 8 महीने लगने की बात कही है।

मेट्रो के जवाब से लगता है कि अगले साल फरवरी में प्रस्तावित दिल्ली असेंबली के चुनावों से पहले उसमें फ्री सफर की यह योजना लागू हो पाएगी लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि टोकन स्कीम दो-तीन महीने में ही लागू होगी। हमारे अधिकारी मेट्रो से बात करेंगे और पूछेंगे कि आखिर पिंक टोकन में 8 महीने क्यों लगेंगे?

पिंक टोकन वाले प्रस्ताव में मेट्रो ने कहा है कि इसके लिए स्टेशनों में अलग से ऑटोमेटेड वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। महिलाओं की एंट्री के अलग गेट होंगे, लेकिन वे एग्जिट किसी भी गेट से कर सकेंगी। मेट्रो की मुश्किल यह है कि उसने 170 स्टेशनों पर टिकट काउंटर बंद कर दिए हैं। पिंक टोकन छपवाने में भी वक्त लगेगा।

सीएम केजरीवाल ने कहा
महिलाओं को फ्री सफर के लिए मेट्रो ने सालाना 1566.64 करोड़ का खर्च बताया है, जिस पर हमें ऐतराज नहीं है।
मेट्रो ने सब्सिडी जारी रखने का कमिटमेंट मांगा है, महिला सुरक्षा की खातिर हम कोई भी कमिटमेंट देने को तैयार हैं।

0Shares
loading...

You missed