रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें कुल 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी। इस दौरान राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेगी। सत्र का समापन 21 मार्च को होगा और इसके हंगामेदार रहने की संभावना है। सरकार के लिए कड़े सवालों की चुनौती बजट सत्र के लिए विधायकों ने 1,862 सवाल लगाए हैं, जिनमें 943 तारांकित और 871 अतारांकित सवाल शामिल हैं। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश सवाल ऑनलाइन भेजे गए हैं, जो डिजिटल प्रणाली की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेन डेका के अभिभाषण से होगी, जिसमें सरकार की आगामी योजनाओं और नीतियों का खाका पेश किया जाएगा। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, “यह बजट सत्र बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है और हम हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयार हैं।”
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि “हमने पिछले सवा साल में यह प्रयास किया है कि बजट में आम जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। आने वाले समय में भी हमारा यही संकल्प रहेगा कि हर योजना और हर निर्णय जनता के हित में हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘विकसित भारत’ की संकल्पना के साथ छत्तीसगढ़ भी 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ‘अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन @ 2047’ इस लक्ष्य को साकार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”
सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में बैठक आयोजित की गई, जहां वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट और नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा हुई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विभागों के बजट प्रस्ताव पर भी ओपी चौधरी की मौजूदगी में चर्चा हुई। बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल सहित सभी विभागों के सचिव व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।