छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नई दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी नारायणन ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने छत्तीसगढ़ में स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से कृषि और अन्य क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देने पर चर्चा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण (geo-mapping), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसरो के सहयोग से हम इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, जिससे किसानों को अधिक सटीक जानकारी मिले और राज्य के विकास को गति मिले।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ अनुसंधान संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के नए युग में इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाएगा, जिससे कृषि, पर्यावरण, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
इस बैठक के दौरान वी नारायणन और साय के बिच यह तय किया गया कि इसरो का एक विशेषज्ञ दल जल्द ही छत्तीसगढ़ आएगा और विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन करेगा। सैटेलाइट इमेजरी और GIS तकनीक से राज्य की मिट्टी की गुणवत्ता, जल स्रोतों और फसल उत्पादन का विश्लेषण किया जाएगा। बाढ़ और सूखे की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाया जाएगा। वन क्षेत्रों की निगरानी और अवैध कटाई रोकने के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाएगा। शहरी नियोजन, परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास में स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा।