रायपुर,
कांग्रेस ने मोहन मरकाम को छत्तीसगढ़ का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अभी तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। मोहन मरकाम कोंडागांव से कांग्रेस के विधायक हैं। मोहन मरकाम कांग्रेस के ऐसे पहले प्रदेशाध्यक्ष हैं जो बस्तर संभाग से आते हैं।
मोहन मरकाम का जीवन परिचय
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम का जन्म 15 सितंबर 1967 को कोंडागांव जिले की माकड़ी तहसील के गांव टेड़मुण्डा, पोस्ट बवई में हुआ था। मोहन मरकाम के पिता स्व. भीखराय मरकाम किसान थे। 7 भाई और 2 बहनों में मोहन मरकाम अपने पिता की 5वीं संतान हैं।
मोहन मरकाम की प्राथमिकी शिक्षा ग्राम टेड़मुण्डा में हुई। जहां शाला भवन न होने से झोपड़ीनुमा शाला में ही विद्या अध्ययन किया । माध्यमिक शिक्षा 7 किमी दूर घने जंगलों से पैदल रास्ता तय कर माध्यमिक शाला काटागांव से पूरी की।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी माकड़ी स्कूल एवं कॉलेज की पढ़ाई कांकेर महाविद्यालय से की। कांकेर महाविद्यालय से ही भूगोल विषय में एम.ए की शिक्षा प्राप्त की ।
मोहन मरकाम की रूचि कानून की पढाई करने में रही है। इसके लिए उन्होंने एलएलबी में प्रवेश लिया और दो साल तक जगदलपुर में रहकर 2 साल पढ़ाई भी की लेकिन इस बीच शासकीय नौकरी मिल गई और वकालत की पढ़ाई पीछे छूट गई।
मोहन मरकाम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैँ। छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियों का निवर्हन किया। छात्र राजनीति में सक्रिय होने के कारण समस्याओं के निराकरण के लिए हमेशा तत्पर रहे। एनसीसी में सीनियर अंडर अफसर रहे, गणतंत्र दिवस, नई दिल्ली की परेड में चयनित होकर शामिल हुए।
वर्ष 1990-91 में शहीद महेन्द्र कर्मा के सानिध्य में आने पर मोहन मरकाम ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की और वर्ष 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी की लेकिन टिकट नही मिला। इसके बावजूद वे कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी निभाते हुए कार्य करते रहे और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में जी जान से जुटे रहे। पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को सफल बनाने और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।
2008 में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार मोहन मरकाम को कोंडागांव से अपना प्रत्याशी बनाया इन विधानसभा चुनाव में मोहन मरकाम का मुकाबला भाजपा की लता उसेण्डी से हुआ। इन चुनावों में मोहन मरकाम की 2,771 मतों से हार हुई।
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मोहन मरकाम को फिर से टिकट दिया। इस बार मोहन मरकाम ने भाजपा की लता उसेंडी को शिकस्त दे दी। ॉ
2018 के विधानसभा चुनाव में मोहन मरकाम भाजपा प्रत्याशी को हराकर फिर से विधायक चुने गए हैं।
विधानसभा सत्र 2013 से 2018 के लिए उन्हें विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक का सम्मान भी दिया गया है ।
मोहन मरकाम की अन्य उपलब्धियां
विधानसभा चुनावों के अलावा नगर पालिका चुनावों में भी मोहन मरकाम ने अपनी उपयोगिता साबित की 2014 में उनके नेतृत्व में कोण्डांगाव नगर पालिका का चुनाव संपन्न हुआ जिसमें नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित पार्टी ने 22 में से 16 वार्डों में जीत हासिल की । इसी प्रकार 2015 में जिला पंचायत के चुनाव में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 12 में से 9 सदस्यों ने जीत हासिल की। वहीं कोण्डागांव विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर पंच व सरपंचों ने पार्टी के बैनर तले जीत हासिल की ।
लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जी तोड़ मेहनत की और प्रचंड मोदी लहर के बाद भी कोण्डागांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 12890 वोटों को बढ़त दिलाई । इन तमाम चीजों से ही उनके क्षेत्र में उनकी पकड़ और प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है । जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तक के कार्यक्रमों में सहभागिता निभाना और अपना सहयोग देना उनकी आदतों में शामिल है ।
राजनीति के अलावा सामाजिक और सहकारी क्षेत्रों में भी मोहन मरकाम की सहभागिता काफी सराहनीय रही है। आदिवासी गोण्ड समाज का अध्यक्ष और आदिवासी विकास परिषद का संभागीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया। वही सहकारी क्षेत्र में काम करते हुए उन्होने किसानों एवं ग्रामवासियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जिसके माध्यम से शासन द्वारा मिलने वाले लाभों और योजनाओं से उन्हें अवगत कराने का कार्य किया।
मोहन मरकाम का सामाजिक सरोकार
जनहित से जुड़े मुद्दों पर कार्य करते हुए मोहन मरकाम ने कई आंदोलनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। नसबंदी कांण्ड के विरोध में उन्होने पेण्डारी, बिलासपुर से रायुपर तक 150 किमी की पदयात्रा की। वहीं किसानों के बोनस व अन्य मांगों को लेकर बलौदाबाजार से रायपुर तक 50 किमी की पदयात्रा की। उन्होने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ किसानों की समस्याओं और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में भी पदयात्रा की। वहीं चुनाव पूर्व पार्टी द्वारा आयोजित परिवर्तन यात्रा में ’प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल’ और ’नेता प्रतिपक्ष रहे टीएस सिंहदेव’ के साथ जगदलपुर से कोण्डागांव व डोंगरगढ़ से रायपुर तक पैदलयात्रा में शामिल रहे । इसके अलावा प्रदेश व क्षेत्र की खुशहाली के लिए क्षेत्र के लोगों व सैकड़ों श्रृद्धालुओं के साथ बस्तर की अराध्य देवी मां दंतेश्वरी के द्वार दंतेवाड़ा तक 170 किमी की लगातार 03 वर्षों तक पदयात्रा कर अमन चैन की प्रार्थना की। मोहन मरकाम ने कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करते हुए अपने पूरे विधानसभा क्षेत्र 83 में सदस्यता अभियान हेतु सायकल से यात्रा की और लोगों को पार्टी से जोड़ने का कार्य किया ।
’मोहन मरकाम पार्टी के संगठन में बुथ अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, जिला प्रतिनिधि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य और वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माननीय धनेन्द्र साहू जी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माननीय डॉ चरण दास महंत जी के साथ संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ ।’
’पिछले में पांच वर्षों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पंचायत मंत्री माननीय टी एस सिंहदेव जी के जुगलबंदी के साथ लगातार संगठन की हर गतिविधियों में कदम से कमद मिलाकर साये की तरह शामिल रहे ।’
मोहन मरकाम ने शासकीय सेवा के रूप में शिक्षाकर्मी वर्ग 1 व शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा उन्होने कुछ दिनों तक भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी और भारतीय स्टेट बैंक लाईफ में सीनियर एजेंन्सी मैनेजर के रूप में भी कार्य किया, मगर जनहीत की सेवा करने की ललक ने उन्हें शासकीय व अर्द्ध शासकीय सेवा से इस्तिफा दिलाया और इस 4-4 शासकीय सेवा छोड़कर आज इस मुकाम पर पहुचे हैं ।
अपनी उम्र के 51 बसंत पूरे चुके इस कांग्रेस नेता ने हमेशा पार्टी के सिद्धांतो को आगे बढ़ाने का कार्य किया और एक वफादार सिपाही की तरह हर मोड़ पर पार्टी के साथ खड़े होकर कांग्रेस की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य का किया।