दुर्ग

दुर्ग में 6 साल की मासूम बच्ची के रेप और हत्या मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। पीड़िता की मां ने आरोपी सोमेश यादव को निर्दोष बताया है। इस बायान के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है। पीड़िता के परिवार ने कलेक्टर अभिजीत सिंह द्वारा दिए गए मुआवजे के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। कलेक्टर ने मंगलवार को परिवार को कलेक्ट्रेट बुलाकर ढाई लाख रुपये का मुआवजा देने की पेशकश की थी, लेकिन परिवार ने साफ कहा कि उन्हें पैसे नहीं, न्याय चाहिए। असली आरोपी को ही सजा मिलनी चाहिए।

दरअसल, पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के चाचा को मुख्य आरोपी बनाया है, जो फ़िलहाल पुलिस के हिरासत में है। मामले में दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने SIT का गठन किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आईयूसीएडब्ल्यू) पद्मश्री तंवर की अगुवाई में गठित टीम पूरे मामले में साक्ष्य जुटाने से लेकर फास्ट ट्रेक कोर्ट में चार्ज शीट पेश करने का काम करेगी। इस विशेष जांच दल में मोहन नगर थाना प्रभारी निरीक्षक शिव प्रसाद चंद्रा, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक श्रद्धा पाठक, छावनी थाना प्रभारी उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर, उप निरीक्षक पारस ठाकुर (मोहन नगर थाना), सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र देशमुख (थाना मोहन नगर), सहायक उप निरीक्षक संगीता मिश्रा, (रक्षा टीम) प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण पात्रे (मोहन नगर थाना) को शामिल किया गया है।

जानकारी के मुताबित परिजनों को शक है कि जिस कार में बच्ची का शव मिला था वही उस पूरी वारदात का मास्टर माइंड हो सकता है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस पड़ोसी को बचाने की कोशिश कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पड़ोस की ही रहने वाली एक महिला ने दावा किया है कि मुझे रिवॉल्वर दे दो मैं आरोपी का मर्डर कर दूंगी। बाद में भले ही मुझे फांसी पर चढ़ा दिया जाए।

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