जयपुर:- 2 जुलाई को राजस्थान के जयपुर में शास्त्री नगर इलाके में हालात तनावपूर्ण रहे। पूरे क्षेत्र में चालीस पुलिस थानों के जवान, आरएसी आदि तैनात हैं, लेकिन फिर भी हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। असल में 1 जुलाई की शाम को समुदाय विशेष की सात वर्षीय मासूम बच्ची को एक अज्ञात व्यक्ति जबरन मोटर साइकिल पर बैठा कर ले गया और अमानीशाह के नाले में ज्यादती की। बाद में पीडि़ता को घर के बाहर छोड़ दिया गया। परिजन ने तत्काल पीडि़ता को कावटिया अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालात बिगडऩे की वजह से उसे जेके लॉन अस्पताल में रखा गया है। 2 जुलाई को प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पीडि़ता से अस्पताल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद खाचरियावास ने कहा कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और अपने परिजन को पहचान रही है उन्होंने कहा कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर चली खबरों के बाद 2 जुलाई को भी भट्टा बस्ती क्षेत्र के हालात तनावपूर्ण रहे। इससे पहले 1 जुलाई की रात को घटना की जानकारी होने पर लोगों ने शास्त्री नगर और आसपास के क्षेत्रों के सौ वाहनों को बूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। दहशतपूर्ण हालातों की वजह से लोग अपने घरों में दुबक गए। हालांकि पुलिस ने हालातों पर नियंत्रण के प्रयास किए, लेकिन भीड़ इतनी थी कि हालात लम्बे समय तक बेकाबू रहे। इसमें कोई दो राय नहीं कि सात वर्षीय मासूम के साथ रेप का वाक्या शर्मनाक है और आरोपी को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही जरूरी है कि इलाके में शांति बनी रहे।
पुलिस के अधिकारियों ने भी कहा है कि पुलिस अपना ध्यान आरोपी को गिरफ्तार करने में लगाना चाहती है। लेकिन यह तभी होगा जब इलाके में शांति बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस घटना को धर्म के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि अभी तक भी आरोपी की पहचान नहीं हुई है। आरोपी चाहे किसी भी धर्म का हो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
राजस्थान में इस समय अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है गहलोत बेहद ही संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। सरकार का पूरा प्रयास होगा कि किसी भी स्थिति में आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। ऐसे में जयपुर के लोगों को गहलोत की सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा 2 जुलाई को राजनीतिक कारणों से दिल्ली में रहे, लेकिन उन्होंने भी जेके लोन अस्पताल के चिकित्सकों और विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीडि़ता का इलाज उच्च तकनीक और प्राथमिकता से किया जाए। इलाज में कोई कौताही नहीं बरती जाए।

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By Admin

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