जयपुर
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने गुरुवार को उदयपुर में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय में आयोजित ’पंडित दीनदयाल उपाध्यायः एकात्म मानव दर्शन – हीरक जयंती समारोह’ में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद जीवन का आलोक है।
उन्होंने पंडित दीनदयाल के साथ बिताए पल साझा किए और मेवाड़ की धरती को शूरवीरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की धरती ने देश और धर्म के लिए बलिदान दिया है। उन्होंने पंडित जी के जीवन के कई प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख किया, जिसमें उनकी असाधारण मेधा, गरीबों के प्रति उनका प्रेम और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा शामिल है।
राज्यपाल ने बताया कि दीनदयाल ने कभी कोई परीक्षा ऐसी नहीं दी जिसमें वह प्रथम न आए हों, और किस प्रकार उन्होंने बच्चों के लिए साहित्य की आवश्यकता महसूस कर चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास लिखा। उन्होंने बताया कि दीनदयाल जी किस तरह साधारण वेशभूषा में रेल में यात्रा करते थे और दरिद्र नारायण की सेवा में विश्वास रखते थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने उदयपुर के बेदला निवासी एडवोकेट खूबीलाल सिंघवी, बोहरा गणेश निवासी बंशीलाल गदिया और बड़गांव निवासी पन्नालाल शर्मा को सम्मानित किया। ये सभी वे लोग थे जिन्होंने 1964 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के भाषण के साक्षी रहे थे। राज्यपाल ने उनके साथ पुराने अनुभव भी साझा किए। सहकारिता मंत्री गौतम दक ने ’एकात्म मानव दर्शन’ को आज भी प्रासंगिक बताया और ’अंत्योदय’ के विचार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से जोड़ा।