मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाला मामले में CBI ने 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर कई मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा दिया है। सीबीआई की जांच में रायपुर के रावतपुरा सरकारी इंस्टीट्यूट का नाम आने के साथ ही संत श्रीरविशंकर जी महाराज का नाम भी जोड़ा गया है। सीबीआई के FIR में संत श्री रविशंकर जी को मेडिकल कॉलेज का चेयरमैन बताया गया है। इसके साथ ही डॉ डी पी सिंह को भी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्ट्डीज मुंबई का चेयरमैन बताते हुए आरोपी बनाया गया है।

बताया जा रहा है कि डॉ डी पी सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में शिक्षा सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह भी बताया जाता है कि डी पी सिंह UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) के सदस्य भी रह चुके हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त बताई जाती है। इसके अलावा CBI की FIR में कुल 20 आरोपियों के नाम सामने आए हैं। उधर, CBI की FIR सामने आने के बाद रावतपुरा इंस्टिट्यूट की ओर से व्यापक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। रावतपुरा आश्रम के कई साधक तस्दीक कर रहे हैं कि “संत श्री” का नाम FIR में बेवजह घसीटा गया है।

उनके मुताबिक FIR में CBI ने उन लोगों को भी आरोपी बना दिया है, जिनका मेडिकल कॉलेज संचालन से कोई लेना-देना नहीं है, न तो वे पदाधिकारी हैं और न ही ऐसे संस्थान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। साधकों ने यह भी दावा किया है कि CBI की FIR राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने यह भी दावा किया कि रिश्वत की रकम न तो उनके मेडिकल संस्थान से जब्त की गई और न ही अब तक इसकी वैधानिक जब्ती सामने आई है। हालांकि, जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

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