जयपुर: मुख्यमंत्री लाल भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता से प्रदेश में गांव और गरीब तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुगम हुई है। जरूरतमंद परिवार इलाज खर्च की चिंता से मुक्त हुए हैं। उन्हें बुखार जैसी सामान्य बीमारियों से लेकर ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी जैसा महंगा उपचार निःशुल्क मिल रहा है। राजकीय अस्पतालों में ही नहीं, प्रदेश के नामी निजी अस्पतालों में भी उन्हें आसानी से निःशुल्क उपचार सुलभ हो रहा है। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री की मानवीय पहल पर प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से। अब तक इस योजना से 43 लाख से अधिक रोगियों को 5 हजार करोड़ रूपए से अधिक का निःशुल्क उपचार प्राप्त हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पूर्व में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना में रही खामियों एवं सीमित दायरे के चलते रोगियों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने इस योजना की कमियों को दूर करने तथा दायरा विस्तृत करते हुए नई योजना प्रांरभ करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशो के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना प्रारंभ की गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित यह योजना राजकीय क्षेत्र की पहली ऐसी योजना है, जिसमें सामान्य बीमारी से लेकर रोबोटिक सर्जरी, एलौपैथी से लेकर आयुष पद्धति तक और बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर विधा से हर वर्ग के लिए उपचार के पैकेज शामिल हैं। राज्य सरकार ने इसका दायरा इतना विस्तृत किया है कि कोई भी वर्ग और उपचार की कोई पद्धति इससे नहीं छूटे।
पहले 1800, अब 2300 पैकेज
मुख्यमंत्री की पहल पर इस योजना का दायरा लगातार बढ़ाते हुए इसमें उपचार के विभिन्न पैकेज शामिल किए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में संचालित योजना में लगभग 1800 पैकेज थे, जिन्हें नई योजना में बढ़ाकर लगभग 2300 कर दिया गया है। योजना में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए 73 डेकेयर पैकेज एवं 419 पीडियाट्रिक पैकेज शामिल किए हैं। वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के अनुसार अब योजना में रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी एण्ड स्किन ट्रांसप्लांट, कार्डियोथोरेसिक एण्ड वेस्कुलर सर्जरी के पैकेज, 70 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए जीरियाट्रिक केयर पैकेज, विशेष योग्यजनों के लिए नए पैकेज, किशोरों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए पैकेज, ओरल कैंसर तथा आयुष पद्धतियों से इलाज के लिए नए पैकेज जोड़े गए हैं। इन पैकेज के शामिल होने से यह योजना चिकित्सा की हर पद्धति, उच्च तकनीक के आधुनिकतम उपचार और हर वर्ग के लोगों को कवर कर रही है।
गांव-कस्बों तक पहुंच के लिए नियमों में दी शिथिलता
योजना की पहुंच गांव-कस्बों तक सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के एम्पेनलमेंट नियमों में शिथिलता दी गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा निजी अस्पताल इस योजना से जुड़ें और निचले स्तर पर योजना का लाभ पहुंचाने में आसानी हो। प्रदेश के 11 दूरस्थ, दुर्गम एवं पिछड़े हुए जिलों एवं 27 आकांक्षी ब्लॉक्स हेतु एम्पेनलमेंट नियम सरल किये गये हैं। साथ ही, कुछ पैकेज की दरों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। पैकेज दरों में संशोधन कर नये पैकेज 30 जनवरी, 2025 से लागू किये गये हैं। योजना के लिए धन की कमी नहीं रहे, इस सोच के साथ इस योजना के लिए 3500 करोड़ रूपए का कोष भी गठित किया गया है।
इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी की लागू
मा योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू कर दी गई है। फिलहाल योजना के तहत इन बाउण्ड पोर्टेबिलिटी प्रारंभ हो चुकी है और जल्द ही आउट बाउण्ड पोर्टेबिलिटी प्रारंभ होगी। इससे बाहर के मरीज राजस्थान आकर और राजस्थान के मरीज दूसरे राज्यों में जाकर इलाज ले सकेंगे। प्रथम चरण में इन बाउण्ड पोर्टेबिलिटी लागू कर दी गई है, जिससे बाहर के मरीज राजस्थान में आकर इलाज ले पा रहे हैं।