रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में एक बार फिर कार्रवाई तेज हो गई है। एक तरफ ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है तो दूसरी तरफ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) भी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। EOW ने कार्रवाई करते हुए सीए संजय कुमार मिश्रा, उनके भाई मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद EOW ने सभी को स्पेशल कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जहां से सभी को 5 दिनों की रिमांड दी गई है।
EOW ने सभी गिरफ्तार व्यक्तियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है जो कि 26 जुलाई तक चलेगी। EOW ने दावा है कि आरोपियों के पास घोटाले में लेन-देन, रकम की हेराफेरी और अहम दस्तावेज की जानकारी मिली है जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 18 जुलाई को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पर ED ने छापेमारी की थी। चैतन्य बघेल को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है।
ईडी का दावा है- संजय और मनीष ने नेक्स्टजेन पावर कंपनी बनाई और एफएल 10 लाइसेंस लेकर राज्य में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे। इस दौरान बड़ी मात्रा में पैसों की फेर-हेर की गई है। बता दें कि शराब घोटाले में ईडी की टीम भी लगातार कार्रवाई कर रही है। ईडी के आधिकारिक बयान के अनुसार, जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने इस पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था।