न्यूयॉर्क, 3 मई 2019
दुनिया भर में आज 3 मई को विश्व प्रेस फ्रीडम डे मनाया जा रहा है। 1991 में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट के जन सूचना विभाग ने मिलकर वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 3 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस’ मनाने की घोषणा की।
1993 में यूनेस्को के 26वें महासम्मेलन में इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता और उसके अधिकारों पर हो रहे अतिक्रमणों की जानकारी देना है। ऐसे समय में जब समाचार और मीडिया को लेकर लोगों के बीच विघटन और अविश्वास बढ़ रहा है, तब एक मुक्त प्रेस “शांति, न्याय, सतत विकास और मानव अधिकारों के लिए आवश्यक है”,
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लिखे अपने संदेश में ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को कवर करने वाले पत्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे जनता को यह समझाने में मदद करते हैं कि संगठन क्या करता है और क्यों करता है। पारदर्शी और विश्वसनीय जानकारी तक पहुंचे बिना कोई भी लोकतंत्र पूरा नहीं होता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के ये शब्द अनफ़िट की गई पत्रकारिता को “निष्पक्ष और निष्पक्ष संस्थानों के निर्माण के लिए आधारशिला बनाने, नेताओं को जवाबदेह रखने और सत्ता के सामने खड़े होकर सच बोलने का साहस देने वाले हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “तकनीक ने उन तरीकों को बदल दिया है जहां हम सूचना प्राप्त करते हैं और साझा करते हैं, कभी-कभी इसका उपयोग सार्वजनिक राय को भ्रमित करने या हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अनुसार, 2018 में लगभग 100 पत्रकार मारे गए, जिसमें सैकड़ों जेल में बंद थे। गुटेरेस ने कहा कि पत्रकारों पर “हमलों की बढ़ती संख्या और असुरक्षा की संस्कृति उन्हें तब ज्यादा दुखी करती है। जब मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया जाता है तब पूरा समाज मूल्यों की गिरावट के रूप में उसका हर्जाना भरता है।
“स्वतंत्र पत्रकारिता नागरिकों को तथ्य प्रस्तुत करने और एक राय बनाने का अवसर प्रदान करती है। प्रेस की स्वतंत्रता पारदर्शी समाजों की गारंटी देती है, जहाँ हर कोई जानकारी प्राप्त कर सकता है”।