नई दिल्ली, 7 मई

ईवीएम में पड़ी वोटों का वीवीपैट पर्चियों से मिलान करने के मामले में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की ओर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू तथा 20 अन्य दलों के नेताओं की ओर दाखिल पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अदालत को अपने आदेश पर फिर से विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता।

पुनर्विचार याचिका में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल के उस आदेश पर दोबारा से विचार करने की गुजारिश की थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक विधानसभा से एक के बजाय 5 मतदान केन्द्रों की ईवीएम मशीनों में पड़े मतों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से कराने का आदेश निर्वाचन आयोग को दिया था।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि  मुख्य याचिका में 50 फीसदी मतदान केन्द्रों की ईवीएम मशीनों में पड़े मतों को वीवीपैट की पर्चियों से मिलान कराने की मांग की गई थी, लेकिन न्यायालय ने यह संख्या एक से बढ़ाकर 5 ईवीएम की है। सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को खुशी होगी अगर यह संख्या 33 प्रतिशत तक बढ़ायी जाये। इतना भी नहीं तो कम से कम 25 प्रतिशत तक यह आंकड़ा बढ़ाया जा सकता है।

 

 

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