नई दिल्ली, 4 सितंबर
उत्तम गुणवत्ता और होम डिलीवरी की वजह से स्नैपडील ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी एक समय में भारत की सबसे टॉप ऑनलाइन शॉपिंग कंपिनयों में से एक थी। स्नैपडील की बढ़ती लोकप्रियता से फ्लिपकार्ट और अमेज़न कंपनी का कारोबार लगभग ठप रहा करता था। लेकिन स्नैपडील से करीब सालभर पहले एक भूल क्या हुई, आज तक कंपनी वापस अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। तेजी से ऊपर बढ़ने वाली कंपनी का मार्केट मात्र एक घटना की वजह से धड़ाम हो गया।
साल 2014 में जब मोदीजी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार केन्द्र की सत्ता में आई थी, तब आमिर खान स्नैपडील के ब्रांड एंबेसडर हुआ करते थे। हर ब्रॉडकास्ट और पब्लिकेशन प्लेटफॉर्म पर आमिर खान स्नैपडील का प्रचार-प्रसार करते दिखाई देते थे। लेकिन मोदी सरकार के बाद बढ़ी मॉब लिचिंग और दूसरी नीतियों का विरोध करते हुए स्नैपडील के ब्रांड एंबेसडर आमिर खान ने जब कहा कि देश अब रहने लायक नहीं रहा है और मैं देश छोड़ने में ही फायदा देख रहा हूं। तब इस बयान के बाद आमिर खान को जमकर ट्रोल किया गया था। देश की जनता ने आमिर खाने के इस बयान को देशविरोधी के तौर पर लिया और स्नैपडील कंपनी से आमिर खान को ब्रांड एंबेसडर से हटाने की मांग की । लेकिन स्नैपडील ने इस घटना पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और आमिर खान स्नैपडील के ब्रांड एंबेसडर बने रहे। नतीजा ये हुआ कि लोगों ने नाराजगी के चलते अपने मोबाइल फोन से स्नैपडील के एप को हटाना शुरु कर दिया। उस घटना के पहले ही दिन 8 लाख लोगों ने अपने मोबाइल से स्नैपडील का मोबाइल एप हटा दिया था। एक हफ्ते में ही 25 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नैपडील का एप हटाकर एक तरह से बहिष्कार कर दिया।
लोगों की भावना को समझने में नाकामयाब होने से लोगों ने कंपनी से सामान खरीदने में आनाकानी शुरू करते हुए स्लो डिलीवरी, नकली माल और देश विरोधी कंपनी जैसे तमगे दे डाले। इस घटना के बाद ग्राहकों ने स्नैपडील से किनारा कर अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी दूसरी कंपनियों की और रुख कर लिया। लिहाजा स्नैपडील का मार्केट शेयर बुरी तरह गिरा और आज तक ये कंपनी उबर नहीं पाई है।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की घटना सिर्फ स्नैपडील के साथ ही हुई, बल्कि सोनी टीवी पर कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में जब नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत विरोधी बयान दिया तो लोगों ने सिद्धू को शो से बाहर करने की मुहिम छेड़ दी थी। लिहाजा सोनी कंपनी ने सिद्धू को बाहर का रास्ता दिखाने में ही भलाई समझी।
ऐसी ही घटना डिटरजेंट पाउडर बनाने वाली कंपनी सर्फ एक्सेल के साथ भी हुई थी, एक विवादित विज्ञापन वापस लेकर सर्फ एक्सेल ने अपने ग्राहकों को छिटकने से बचा लिया।