रायपुर, 25 फरवरी 2020

उपरवारा स्थित आईटीएम यूनिवर्सिटी को उच्च शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर पूछा है कि मान्यता लिये बिना बीएससी (एमएलटी) एवं ऑप्टोमेट्री कोर्स में एडमिशन कैसे ले लिये गये। आईटीएम यूनिवर्सिटी ने यूजीसी से मान्यता लिये बिना ही  यूनिवर्सिटी ने कोर्स में न सिर्फ एडमिशन लिये बल्कि छात्रों को डिग्रियां भी बांट दी। डिग्रियां पाने के बाद छात्र जब पैरामेडिकल में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहुंचे तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ है।

आईटीएम विश्वविद्यालय ने बीएससी (एमएलटी) और ऑप्ट्रामेट्री कोर्स का छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं कराय था। डिग्रियां पाने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है. बिना मान्यता भर्ती लिया गया है, हम न्याय के लिए भटक रहे हैं. परेशान छात्रों ने मेडिकल शिक्षा संचालनालय के अलावा स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल से इसकी शिकायत की है लेकिन आज तक उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

छत्तीसगढ़ पैरामेडिक कॉउंसिल के अध्यक्ष नरेश साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सरकारी संस्थानों को छोड़ किसी भी निजी विश्विविद्यालयों को मान्यता नहीं है, इसके बावजूद एडमिशन देकर सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. ऐसे में संस्थान पर दंडात्मक एवं एफआईआर की कार्रवाई करें, साथ ही इसमें शासन-प्रशासन संज्ञान लेते हुए बच्चों का भविष्य को देखते हुए पैरामेडिकल कॉउंसिल में पंजीयन के लिए पहल करें.

आईटीएम विश्वविद्यालय के उप कुलपति सीताराम सोनी ने बताया कि हमें कोर्स संचालित करने का अधिकार है. पहले राज्य में पैरामेडिकल नहीं होता था, बाद में आया है. आगे के लिए मामला प्रक्रियाधीन है, जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा. बता दें बीएससी (एमएलटी) एवं ऑप्ट्रामेट्री तीन साल का कोर्स है, जिसका प्रथम बैच सन् 2018 में पास आउट हुआ है, और संस्थान अब मान्यता के लिए कवायद कर रहा है.

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