नई दिल्ली, 17 मार्च 2020

जानलेवा कोरोना वायरस का कोहराम पूरी दुनिया में मचा हुआ है. इसकी वजह से अब तक सात हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस से बचने के लिए अभी कोई दवा नहीं बनी है. डॉक्टर कह रहे हैं कि सावधानी ही बचाव है. लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका में कोरोना की वैक्सीन का इंसानों पर प्रयोग किया गया है. इस प्रयोग के बाद कोरोना के इलाज के संकेत मिल रहे हैं.

पूरी दुनिया में करीब 1 लाख 82 हजार लोग संक्रमित हैं. दुनिया भर में अब तक कोरोना के कारण 7158 लोगों की मौत हो चुकी है. जानें कैसे फैलता है कोरोना वायरस और कैसे कर सकते हैं इससे अपना बचाव?

COVID-19 क्या है?

कोरोनावायरस का आधिकारिक नाम COVID-19 है. यह नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिया है. WHO ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है.

कोरोना वायरस कैसे फैलता है?

सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि ये वायरस एक शख्स से दूसरे शख्स तक कैसे फैलता है? इसका सीधा सा जवाब है सांस की गतिविधियों के ज़रिए. अगर कोई शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है और वो आपके करीब रहते हुए छींकता या खांसता है, तो मुमकिन है कि आपको भी संक्रमण हो जाए. इसके अलावा किसी ऐसी जगह को छूने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं, जहां पर ये वायरस गिरा हो. कोरोना वायरस किसी जगह पर कुछ घंटो तक ज़िंदा रह सकता है. हालांकि इसे किसी आम से कीटाणुनाशक से भी मारा जा सकता है.

कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

कोरोना के लक्षणों में बुखार, कफ और सांस में कमी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ गंभीर मामलों में इन्फेक्शन की वजह निमोनिया या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. बेहद कम मामलों में ये बीमारी जानलेवा होती है. इसके लक्षणों की खास बात ये है कि ये आम फ्लू और सर्दी ज़ुकाम की तरह ही है, जोकि किसी को भी होना आम है. इसलिए लक्षण दिखने पर भी परेशान होने से बेहतर है कि आप जांच कराएं. जांच के बाद ही पुष्टि होगी कि आप कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं. इसलिए ऐसे हालात में अपने हाथों को बार बार, सही तरीके से साबुन से धोएं और साथ ही छींकते या खांसते वक्त अपनी कोहनी से मुंह को ढकें या टिसू का इस्तेमाल करें और उसे किसी बंद कचरे के डब्बे में फेंक दें.

मास्क कब पहने?

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक हर किसी को मास्क पहनना जरूरी नहीं है, मास्क पहनने की जरूरत तभी है जब….

* आपके अंदर किसी भी तरह के संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हों. जैसे कि खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो.
* इसके अलावा अगर आप कोरोना वायरस से पीड़ित या संदिग्ध किसी मरीज़ की देखभाल कर रहे हैं तब भी आपको मास्क पहनना जरूरी है.
* अगर आप स्वास्थ्य कर्मचारी हैं तब भी आपके लिए मास्क पहनना अनिवार्य है.

मास्क पहनने के दौरान बरतें ये सावधानी

* हर 6 घंटे के अंदर मास्क बदल दें. गीला होने पर भी मास्क बदला जाना जरूरी है.
*मास्क को इस तरह पहनें कि बीच में कोई गैप ना हो.
* पहनने के बाद मास्क को छूने से बचें.
* किसी भी सूरत में मास्क को अपने गले में लटकाने से बचें.
* मास्क उतारने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन या सैनिटाइजर से धो लें.

अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखें तो क्या करें?

अगर आपके बच्चे में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो चिकित्सीय सावधानी बरतें, लेकिन ये बात भी ध्यान में रखें कि अभी मौसम बदल रहा है और कोरोना के लक्षण और आम फ्लू और सर्दी ज़ुकाम के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं. इसलिए सावधानी बरतने की ज़रूरत है. लगातार हाथ धोएं, साफ सफाई का ध्यान रखें और खांसते-छींकते वक्त ज़रूरी चीज़ों का खास खयाल रखें. साथ ही अपने बच्चे के टीकाकरण को समय पर कराते रहें. इससे आपका बच्चा/बच्ची वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमीरियों से बचा रहेगा. अगर आपके बच्चे में लक्षण दिखें तो पब्लिक प्लेस में जानें से बचे ताकि ये दूसरों तक न फैले.

बच्चों को स्कूल जाने दिया जाए या नहीं?

इस वक्त पैरेंट्स के दिमाग में सवाल उठ रहा है कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं. अगर आपके बच्चों में लक्षण दिख रहे हैं, तो उसका इलाज कराइए और डॉक्टर की सलाह का खास खयाल रखिए. इसके अलावा सांस से जुड़े दूसरे इंफ्केशन जैसे फ्लू होने पर अपने बच्चे को घर पर रखें और आराम करने दें. ताकि इसे दूसरों तक फैलने से रोका जा सके.अगर आपके बच्चे में किसी तरह का कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहा है और सरकार की ओर ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसमें स्कूल जाने पर पाबंदी हो या कोई एडवाइज़री हो तो आप अपने बच्चे को स्कूल भेज सकते हैं. बच्चों को स्कूल जाने से रोकने से बेहतर है कि उसे इसके लक्षणों के बारे में बताएं. बच्चों को हाथ धोना सिखाएं और खांसने-छींकने के सही तरीके के बारे में बताएं. साथ ही उन्हें बताएं कि अगर उन्होंने अपने हाथ सही तरीके से नहीं धोए हैं, तो आंख, मुंह और नाक को न छूएं.

क्या गर्भवती महिला से उसके अजन्मे बच्चे में कोरोना वायरस जा सकता है?

इस वक्त इस सवाल का कोई पुख्ता जवाब नहीं है. ये निर्धारित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान एक मां से उसके बच्चे में वायरस का संक्रमण होता है या नहीं. इस बात की अभी जांच की जा रही है. गर्भवती महिलाओं को अगर किसी तरह का कोई लक्षण नज़र आता है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और अगर लक्षण नहीं हैं तो वायरस की जद में आने से बचने के लिए ज़रूरी सावधानियां बरतें.

भारत में कोरोना से तीसरी मौत का मामला सामने आया है. मुंबई में दुबई से लौटे 64 साल के शख्स ने दम तोड़ा है. अब देश भर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद 126 हो गई है.

जानिए- कोरोना वायरस को लेकर क्या है राज्यवार स्थिति?

आंध्र प्रदेश- 1
दिल्ली- 7 (दो डिस्चार्ज, 1 की मौत)
हरियाणा- 15 ( 14 विदेशी)
कर्नाटक- 8 ( एक की मौत)
केरल- 24 ( दो विदेशी, तीन डिस्चार्ज)
महाराष्ट्र- 39 ( 3 विदेशी, 1 की मौत)
ओडिशा- 1
पंजाब- 1
राजस्थान- 4 ( दो विदेशी, 3 डिस्चार्ज)
तमिलनाडु- 1
तेलंगाना- 4 ( 1 डिस्चार्ज)
जम्मू-कश्मीर- 3
लद्दाख- 4
उत्तर प्रदेश- 13 ( 4 डिस्चार्ज)

कोरोना से बचाव में साबुन है ज्यादा उपयोगी

कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन ज्यादा बेहतर विकल्प है. ये दावा किया है यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने. उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन को ज्यादा कारगर बताया है. उनका कहना है कि साबुन वायरस में मौजूद लिपिड को आसानी से खत्म कर देता है. साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व भी होते हैं. वायरस को एक साथ जोड़कर रखनेवाला चिपचिपा पदार्थ 20 सेकंड तक हाथ धोने से नष्ट हो जाता है. साबुन चमड़े के काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है.

वायरस का संक्रमण आदमी से आदमी में होता है

बोस्टन मेडिकल सेंटर के डॉक्टर नाहिद भडेला चेताते हैं, “साबुन या सेनेटाइजर अगर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है. इसलिए कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए हाथ साफ करनेवाले प्रोडक्टस प्रभावकारी, उचित और सही होने चाहिए.” जहां तक सैनिटाइजर पर जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के एक शोध की बात है तो इसके मुताबिक जेल, लिक्विड या क्रीम के रूप में मौजूद सैनेटाइजर कोरोना वायरस से लड़ने में साबुन जितना उपयोगी नहीं है. हालांकि अभी कोविड-19 के इलाज की कोई वैक्सीन सामने नहीं आई है. मगर विशेषज्ञ सबसे बेहतर तरीका वायरस के संपर्क से बचने को सावधानी बता रहे हैं. इसलिए कि वायरस का संक्रमण आदमी से आदमी में होता है.

क्या Coronavirus के मरीज का इलाज एंटीबायोटिक्स से संभव है?

Antibiotics केवल बैक्टीरिया को मारता है. एंटीबायोटिक्स किसी वायरस को नहीं मार सकता. COVID-19 एक वायरस है इसलिए एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज संभव नहीं है. इसलिए इस तरह की बातों में ना आएं कि एंटीबायोटिक्स से कोरोना वायरस के मरीज को ठीक किया जा सकता है. WHO के मुताबिक एंटीबायोटिक्स को कोराना वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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