मुंबई, 26 जून 2020
कोरोना संकट में एक्सपर्ट सोच समझकर अच्छे और मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में ही निवेश की सलाह दे रहे हैं. जब बाजार उतार चढ़ाव और अनिश्चितता के दौर में हो तो बिना सोचे समझे किया गया निवेश आपका पैसा डुबो सकता है. शेयर बाजार में लिस्टेड ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन पर आगे आी दबाव बने रहने की आशंका है. ऐसे कई शेयर मौजूद हैं, जिन पर अभी दबाव बने रहने की आशंका है. या कह सकते हैं कि लॉकडाउन के दबाव से निकलने में उन्हें अभी वक्त लग सकता है. वहीं कुछ कंपनियां हैं, जिनके तिमाही नतीजों के आधार पर आगे का आउटलुक कमजोर नजर आ रहा है. ऐसे शेयरों से एक्सपर्ट भी अभी दूर रहने या बेचने की सलाह दे रहे हैं. यहां हम आपको ऐसे कुछ शेयरों से सतर्क कर रहे हैं, जिनमें पैसा लगाना घाटे का सौदा हो सकता है.
इंडिया सीमेंट
इंडिया सीमेंट के चौथी तिमाही के नतीजे निराश करने वाले रहे हैं. कंपनी का EBITDA सालाना आधार पर 59 फीसदी कम हो गया है. EBITDA/ton 289 रुपये ही रहा, जबकि इसके 539 रुपये रहने की उम्मीद थी. इंफ्रास्ट्रक्चर सेग्मेंट में कमजोरी से कंपनी का मुनाफा प्रभावित हुआ है. कंपनी पर कर्ज भी 240 करोड़ बढ़कर 3630 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी की प्रॉफिटैबिलिटी आगे भी कमजोर बनी रहने की आशंका है. हालांकि सीमेंट की कीमतों में बढ़ोत्तरी से मैनजमेंट को उम्मीद बढ़ी है, लेकिन अभी कंपनी पर दबाव रह सकता है. ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्युरिटीज ने 65 रुपये और ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने 69 रुपये के लक्ष्य के साथ शेयर में बिकवाली की सलाह दी है. शेयर गुरूवार को 125 रुपये के भाव पर बंद हुआ था.
यूनियन बैंक आफ इंडिया
यूनियन बैंक आफ इंडिया को चौथी तिमाही में 2500 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है. जबकि ट्रीजरी गेन के चलते अदर इनकम मजबूत रही है. उसके बाद भी इतना बड़ा घाटा बैंक के आउटलुक को कमजोर कर रहा है. बैंक ने एनपीए के लिए प्रोविजनिंग भी बढ़ाई है. बैंक का आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के साथ मर्ज होना है. बैंक का एसेट पोर्अफोलियो कमजोर बना हुआ है. ग्रॉस एनपीए तिमाही आधार पर 72 बेसिस प्वॉइंट इंपूव हुआ है, लेकिन अभी भी यह 14.1 फीसदी है. बैंक के साथ एसेट क्वालिटी रिस्क जुड़ा हुआ है. इसे देखते हुए ब्रोकरेज हउस एमके ग्लोबल ने शेयर में 26 रुपये के लक्ष्य के साथ बिकवाली की सलाह दी है. अभी शेयर का भाव 33 रुपये के आस पास है.
ग्लेनमार्क फार्मा
ग्लेनमार्क फार्मा में अपने मार्च के लो से अच्छी खासी रैली आ चुकी है. शेयर 161 रुपये के भाव से 470 रुपये के भाव पर पहुंच गया है. यानी 3 महीने में करीब 190 फीसदी रैली. ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DGCI) से कोरोना के इलाज के लिए Favipiravir (Fabiflu) के अप्रूवल के बाद शेयर में रैली और बढ़ी है. लेकिन यह रैली आगे जाती नहीं दिख रही है. बिना पूरी तरह से क्लीनिकल ट्रॉयल के प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिसनर इस पर कितना भरोसा करेंगे, इसे लेकर सवाल है. वहीं एफिसिएंसी और बैक अप के मामले में Remdesivir को ग्लेनमार्क की दवा पर बढ़त दिख रही है. हालांकि Favipiravir के जरिए कंपनी कुछ रेवेन्सयूम जरूर जेनरेट करने में सफल रहेगी. लेकिन शेयर को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा.
माइंडट्री
माइंडट्री के लिए FY20 इवेंटफुल साल रहा है. इस साल कंपनी के मैनेजमेंट में बदलाव आया. एल एंड टी द्वारा अधिग्रहण हुआ. कई टॉप अधिकारियों ने कंपनी का साथ छोड़ दिया. एल एंड टी ग्रुप के अधिकारी की पोजिशन पर आ गए. वहीं लॉकडाउन के वजह से कंपनी ने भी माना है कि अनिश्चितता बढ़ी है. स्लोडाउन से उबरने में कंपनी को कुछ वक्त लग सकता है.