नई दिल्ली, 20 जुलाई 2020

कहावत है एक तो कोढ़ ऊपर से खाज का हो जाना। कोरोना संकटकाल में कई लोगों के साथ ऐसा ही हो रहा है। कोरोना वायरस की वजह से तनाव में आए मरीजों से एंबुलेंस संचालक जमकर खुली लूट कर रहे हैं। मरीजों से एंबुलेंस में लाने-ले जाने के लिए मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। आलम ये है कि 10 किलोमीटर दूरी के लिए एंबुलेंस संचालक 10 हजार रुपये तक चार्ज कर रहे हैं। कुछ राज्यों ने एंबुलेंस के चार्ज को अपने नियंत्रण में ले रखा है, लेकिन जहां सरकार का नियंत्रण ढ़ीला है वहीं मनमानी देखने को मिल रही है।

मुंबई में 10-15 किमी के लिए वसूले गए 30 हजार
मुंबई में जब कोरोना संक्रमण उफान पर था तब 10-15 किलोमीटर की दूरी के लिए मरीजों से 30 हजार रुपये तक वसूले जाने की कई शिकायतें आई थीं यानी प्रति किलोमीटर 3000 रुपये तक वसूले गए। इसके बाद जून के आखिर में महाराष्ट्र सरकार को इसमें दखल देने के लिए मजबूर होना पड़ा। जून के आखिरी हफ्ते में पुणे में एक कोविड मरीज को शहर के भीतर ही 7 किलोमीटर तक के लिए 8 हजार रुपये वसूले गए थे।

बेंगलुरु में 6 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपये!
इसी तरह की शिकायतें अन्य राज्यों से भी आईं। बेंगलुरु के एक शख्स से अपनी 54 साल की मां को 6 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित निजी अस्पताल तक ले जाने के लिए 15,000 रुपये चार्ज किया गया। कोलकाता में कोरोना मरीजों को 5 किलोमीटर तक लाने-ले जाने के लिए 6 हजार से 8 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।

कई गुना किराये के अलावा पीपीई किट के अलग से 3 हजार
यह लूट सिर्फ 20-25 गुना तक किराया वसूलने तक सीमित नहीं है, बल्कि कई प्राइवेट ऐंबुलेंस तो ड्राइवरों, हेल्परों के पीपीई किट और ऐंबुलेंस को सैनिटाइज करने के लिए अलग से 3 हजार रुपये वसूल रहे हैं। हैदराबाद में एक शख्स से अपने चाचा को निजामपेट के एक हॉस्पिटल से 20 किलोमीटर दूर सिकंदराबाद के गांधी अस्पताल तक ले जाने के लिए एक प्राइवेट ऑपरेटर ने 11 हजार रुपये वसूले। मरीज के रिश्तेदारों के मुताबिक ऐंबुलेंस में कोई मकैनिकल वेंटिलेटर भी नहीं था और न ही कोई प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ ही था।
ऐंबुलेंस की कमी का फायदा उठा रहे प्राइवेट ऑपरेटर
कई राज्यों में ऐंबुलेंस की कमी की वजह से कोरोना के मरीजों को जान गंवानी पड़ी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के मुताबिक प्रति 1 लाख आबादी पर कम से कम 1 ऐंबुलेंस होना चाहिए। बात अगर बेंगलुरु की करें तो यहां करीब 1.4 लाख आबादी पर एक ऐंबुलेंस है। इसकी कमी का कोरोना के खिलाफ जंग में बहुत बुरा असर पड़ा है। शहर में सरकारी एजेंसियां 71 ऐंबुलेंस चलाती हैं, जिनमें से सिर्फ 23 को कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध कराया गया है। शहर में कम से कम दर्ज भर कोरोना मरीजों को ऐंबुलेंस का इंतजार करते-करते जान गंवानी पड़ी। इसके बाद कर्नाटक के गृह मंत्री को 400 अतिरिक्त ऐंबुलेंस जोड़ने का ऐलान करना पड़ा।

ज्यादातर राज्यों में ऑपरेटरों ने बढ़ा दिया किराया
ज्यादातर राज्यों में ऐंबुलेंस ऑपरेटरों ने कई गुना किराया बढ़ा दिया है। कोरोना काल से पहले झारखंड और उत्तर प्रदेश में ऐंबुलेंस ऑपरेटर प्रति किलोमीटर 10 रुपये वसूल रहे थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 13 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया है। झारखंड में मारुति वैन ऐंबुलेंस 10 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 500 रुपये लेती थी लेकिन अब 900 रुपये वसूले जा रहे हैं।

बिहार में भी 5 से 10 गुना तक वसूला जा रहा किराया
बिहार में भी प्राइवेट ऐंबुलेंस ऑपरेटर सामान्य किराये के 5 गुना से 10 गुना तक वसूल रहे हैं। बिहार के हेल्थ ऐक्टिविस्ट मुकेश हिसारिया बताते हैं कि ऑपरेटर मनमाना किराया वसूल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना मरीजों की तो बात ही छोड़िए, अगर सामान्य मरीजों को भी ले जाना हो तो ऐंबुलेंस वाले लक्षण पूछ रहे हैं। अगर किसी में सर्दी, खांसी के लक्षण दिखे तो वे मनमाना किराया चार्ज कर रहे हैं। मरीज मजबूर हैं, उनके पास कोई विकल्प भी तो नहीं है।

पुणे में अधिकतम किराया तय होने के बाद भी मनमानी
यहां तक कि पुणे में किराया तय किए जाने के बावजूद ऐंबुलेंस ऑपरेटर मरीजों से 8 हजार रुपये और पीपीई किट के लिए अतिरिक्त 1500 रुपये वसूल रहे हैं जबकि इसके लिए कुल किराया 900 रुपये तय किया गया है। जब आरटीओ ने एक ऑपरेटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कराया तब जाकर पता चला कि वह ऑपरेटर अवैध तौर पर ऐंबुलेंस सर्विस चला रहा था। उसने मोबाइल क्लीनिक के लिए बनीं गाड़ियों को ऐंबुलेंस में बदल दिया था।

300 किलोमीटर के लिए वसूल लिए 1.4 लाख
पश्चिम बंगाल में एक शख्स से कोरोना मरीज को दुर्गापुर से गया तक 300 किलोमीटर से कुछ ज्यादा दूरी के लिए 1.4 लाख रुपये वसूले गए। पीड़ित की शिकायत पर बर्दवान आरटीओ को दखल देना पड़ा और मरीज को 1 लाख रुपये लौटाए गए। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई लेकिन ऑपरेटर ऐंबुलेंस के साथ फरार हो गया।

हिमाचल, केरल, गोवा, ओडिशा में कोरोना मरीजों को मुफ्त ऐंबुलेंस
इसके उलट हिमाचल प्रदेश, केरल और गोवा जैसे राज्यों में सरकारी ऐंबुलेंस से मुफ्त में कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ओडिशा में तो सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के साथ समझौता किया है ताकि वे अपने ऐंबुलेंसों को कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराएं।

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