रायपुर,19 अगस्त 2020

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने कोरोना संक्रमणकाल में निजी स्कूलों द्वारा फीस भरने के लिए पालकों पर बनाये जा रहे दबाव की तमाम शिकायतों के बाद स्कूल संचालकों  पर निगाहें टेढ़ी कर ली हैं। भूपेश बघेल सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए फीस निर्धारण संबंधी अधिनियम लाने की तैयारी में है। इसके लिए रायपुर पश्चिम के कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला से  मुलाकात की है। विकास उपाध्याय ने कहा कि पिछली रमन सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को खुली छूट देकर पालकों को हाशिये पर रख दिया औऱ शिक्षा का पूरी तरह से व्यावसायीकरण कर दिया। लेकिन भूपेश सरकार फीस निर्धारण को लेकर अधिनियम लाएगी और इसके निर्माण में पालकों की बड़ी भूमिका होगी।

विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता आये-दिन  इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर हाई-कोर्ट के निर्णय के बाद  उन पर दबाव बनाया जा रहा है। निर्धारित ट्यूशन फीस से 2-3 तीन गुना फीस वसूली जा रही है। विकास उपाध्याय ने कहा निजी स्कूलों को लेकर अभी तक कोई वैधानिक प्रावधान नहीं होने की वजह से वे लगातार मनमानी करने का फायदा उठाते रहे। बावजूद पिछली सरकार का इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

विकास उपाध्याय ने ये कहा अभी तक निजी स्कूलों के लिए कोई नियम न होने की वजह से इनके प्रबंधक कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं कर रहे थे, परन्तु नया विधेयक पारित हो जाने के पश्चात् इनकी मनमानी में शत् प्रतिशत् अंकुश लगेगा। यहाँ तक कि विद्यालय प्रबंधन इस अधिनियम का पालन करने उल्लंघन करेगा तो प्रथम उल्लंघन पर 50 हजार रूपये का जुर्माना देना होगा। इसके पश्चात् प्रत्येक उल्लंघन पर अधिकतम 1 लाख रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है।

 

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