जयपुर

राजस्‍थान विधानसभा अध्‍यक्ष वासुदेव देवनानी को गुरूवार को यहां राजस्‍थान विधान सभा में लखनऊ, उत्‍तर प्रदेश से प्रकाशित मासिक पत्रिका स्‍वर्णिम दर्पण का समाज संस्‍कृति और साहित्‍य पर आधारित विशेषांक भेंट किया गया। देवनानी ने कहा कि भारत ही वह देश है जहां वैभवशाली और सनातन संस्‍क‍ृति का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। उन्‍होंने कहा कि यह सनातन संस्‍कृति और परम्‍परा समृद्ध है और भारत में वर्षों से यह परम्‍परा चली आ रही है। इसकी जडें प्राचीनकाल से भारत में जीवित है।

देवनानी ने कहा कि स्‍वर्णिम दर्पण पत्रिका को सनातन संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं पर भी विशेषांक का प्रकाशन किया जाना चाहिये। उन्‍होंने कहा कि भारत में वर्षों से यह परम्‍परा चली आ रही है कि खास दिन पर लोग किसी ना किसी पवित्र स्‍थान पर स्‍नान करते है। यहां तक की दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुंभ भी स्‍नान पर ही आधारित है। जहां गंगा जी में स्‍नान करने दुनिया भर से करोडों भक्‍त आते है।

वासुदेव देवनानी ने कहा कि सनातन संस्‍कृति के आध्‍यात्मिक पक्ष पर भी लेखों का प्रकाशन किया जाना चाहिए, ताकि युवा पीढी सनातन को समझ सके। इस मौके पर पत्रिका से जुडे़ सौरभ पाण्‍डेय, घनश्‍याम शर्मा भारद्वाज, वंदना घनश्‍याला, संजिय सिंह, स्‍वपनिल, गणेश दत्‍त शर्मा और प्रशांत घनश्‍याला मौजूद थे।

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