रायपुर, 12 जुलाई 2021
विष्णुदेव साय ने आरोप लगाया कि भीषण कोरोना संकट के समय मुख्यमंत्री और उनके सिपहसालार राज्य की जनता को लावारिस छोड़कर असम और बिहार के चुनाव प्रचार पर पॉलिटिकल पर्यटन करने निकल गए थे। लेकिन दोनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री बघेल के झूठ का कारोबार काम नहीं आया। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री के बड़बेलेपन और ख़राब ट्रैक-रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें और कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी है, इसलिए मुख्यमंत्री बघेल ने ख़ुद ही ज़िम्मेदारी ‘मांग’ ली है।
यह हैरत की बात ही है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर गाहे-बगाहे तंज कसने वाले मुख्यमंत्री बघेल को एक तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाक़ात का वक़्त तक नहीं दिया और दूसरे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा से अपने लिए नई ज़िम्मेदारी ‘मांगनी’ पड़ रही है।
विष्णुदेव साय ने कहा कि इस पूरी सियासी क़वायद का लब्बोलुआब यही है कि मुख्यमंत्री बघेल का मन छत्तीसगढ़ में लगता नहीं है और उनको यह लगता है कि वे बाहर-बाहर घूमकर जैसे-तैसे अपना कार्यकाल पूरा कर लें। प्रदेश के प्रति तो उन्होंने कभी कोई ज़िम्मेदारी का परिचय दिया नहीं है। नक्सलियों के बारुदी हमले में जब पुलिस के जवानों की शहादत ने प्रदेश को झकझोर दिया था, तब वे असम में अपने सहयोगियों के साथ डिनर में तल्लीन थे। छतीसगढ़ में लोगो की लाशें जलाने जगह नही बची थी औऱ वो असम में नृत्य कर रहे थे अब अगर उन्हें फिर प्रभार मांग कर यूपी जाना है तो वह अपना दायित्व किसी को देकर जाए ताकि फिर से लोगो के घर में मातम न हो,छतीसगढ़ में लोगो को मामूली चीज़ों के लिए ठोकरे न खानी पड़े।