रायपुर, 24 अगस्त 2020

कांग्रेस पार्टी के लिए आज का दिन बेहद उथल-पुथल भरा है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की दिल्ली में चल रही बैठक में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। वहीं कांग्रेस कार्यालय के बाहर नारेबाजी शुरु हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी परिवार के अलावा किसी और को अध्यक्ष पद पर देखना नहीं चाहते हैं।  CWC की बैठक से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 25 बड़े नेताओं ने सोनिया गांधीं को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का अनुरोध किया था।

भूपेश ही नहीं बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ और युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया है. इन चिट्ठियों के आने के बाद राहुल गांधी भड़के हुए हैं। राहुल के तेवर गर्म इस बात को लेकर हैं कि कांग्रेस नेताओं ने गल टाइमिंग पर चिट्ठी लिखी है।

 

वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया है। रायपुर पश्चिम के विधायक औऱ संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने तो गांधी परिवार के बिना कांग्रेस पार्टी का वजूद ही नहीं माना है। विकास उपाध्याय ने कांग्रेस का मतलब ही गांधी परिवार होना बता दिया है। इस बीच दिल्ली में राहुल गांधी की बातों से गुलाम नवी आजाद और कपिल सिब्बल भी भड़क गए हैं। सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा, राहुल गांधी होंगे, प्रियंका गांधी होंगी या कोई अन्य इस पर अभी तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर अपने प्रोफाइल से ‘कांग्रेस’ हटा दिया है. अब उनके ट्विटर हैंडल पर किसी भी पार्टी किसी भी पद का कोई जिक्र नहीं है. कांग्रेस का कहीं दूर-दूर तक जिक्र नहीं है.

राहुल गांधी के बयान के बाद कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा है, ‘’राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ सांठ-गांठ है. राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई. मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया. फिर भी हम पर बीजेपी से सांठ-गांठ का आरोप लग रहा है.’’

कपिल सिब्बल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी राहुल के ‘बीजेपी से सांठगांठ’ वाले बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी की “बीजेपी के साथ मिलीभगत” की टिप्पणी सही साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि आजाद ने जवाब देते समय राहुल गांधी का नाम नहीं लिया.

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