मुंगेली। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली के 10 चयनित गौठान ग्रामों में प्रत्येक गाँव से 20 कृषकों की बाडियों का निरीक्षण कर चयन किया गया है। योजना का क्रियान्वयन डाँ आर. एल. शर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्शन में किया गया। योजना अंतर्गत चयनित ग्रामो मे से ग्राम तरवरपुर के 20 कृषको की बाडियों का पुनः निरीक्षण करते हुये कृषि विज्ञान केंद्र कि विषय वस्तु विशेषज्ञ श्रीमति नेहा लहरे एवं सुश्री प्रमिला जोगी ने प्रत्येक कृषकों के बाडी हेतु फलदार पौधा जैसे नीबू, आम, अमरूद, आँवला, गंगा बेर, करोंदा, पपीता, इमली इत्यादि एवं सब्जियों का बीज वितरण किया गया। जिसमे मुख्य रूप से भिंडी, फ्रेंच बीन, पालक, गाजर, मूली, खीरा, करेला, कद्दू, रखिया आदि के बीज थे। ग्रामीण कृषि कार्य कार्यक्रम के विभिन्न कृषि महाविद्यालय के स्थानीय छात्र भी उपस्थित थे। केंद्र की वैज्ञानिक श्रीमती नेहा लहरे ने हितग्राहियों से निवेदन किया कि शासन के महत्वपूर्ण योजना में पोषण बाड़ी योजना के अंतर्गत जो पौधे तथा बीज दिए जा रहे है, उसे वैज्ञानिक पद्यति से लगाकर ही पोषण आहार की पूर्ति हो पाएगी तथा परिवार में पोषक आहार के लिए जरुरी फल, सब्जी, भाजी आदि के लिए हम बाजार में निर्भर न रहकर अपने घर में ही पूर्ति कर आत्मनिर्भर रह सकते हैं। वैज्ञानिक सुश्री प्रमिला जोगी ने कृषको को बताया कि बीज को क्यारी बनाकर माँदा में लगाये ताकि अधिक बारिश से बीज एवं पौधों को बचाया जा सके। उन्होने बताया कि बीजों को पौधों की आवश्यकता के अनुसार निश्चित दूरी में लगाये। योजना अंतर्गत पूर्व मेँ भी कृषकों को फलदार पौध का वितरण किया जा चुका है। योजना के नियमों के अनुसार सभी सब्जियों कि उन्नत किस्मों को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैँगलोर तथा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी से मंगाया गया है, ताकि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त हो सके एवं मुंगेली जिले मे सब्जीयों का उत्पादन बढाया जा सके। कृषकों हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र टिंगीपुर.चमारी में टमाटर, बैगन एवँ मिर्च का पौध तैयार किया जा रहा है। जिसका वितरण चयनित बाडियों में किया जाएगा। कृषकों द्वारा लगायी गयी बाडियों के सम्बंध में वैज्ञानिकों द्वारा समय समय पर उत्पादन सम्बंधित तकनिकी जानकारी दी जायेगी, एवं उनके समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा योजना का क्रियान्वयन मुंगेली जिले में किया जा रहा है।
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