जयपुर
भू-जल मंत्री कन्हैया लाल ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि भू-जल विभाग के जोधपुर एवं बीकानेर संभाग में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि यहाँ पुरानी हो चुकी भू-जल वेधन मशीनों को रिपेयर कराकर इनका समुचित संचालन सुनिश्चित किया जायेगा। भू-जल मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भू-जल विभाग ड्रिलिंग कार्य के अतिरिक्त प्रदेश के भू-जल संसाधनों का आंकलन, संरक्षण और प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी करता है,इसलिए विभाग को समायोजन करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने कहा कि भू-जल विभाग द्वारा प्रदेश में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं राज्य सरकार के पेयजल स्रोतों व विभिन्न पुनर्भरण संरचनाओं का संचयन, भू-जल संसाधनों का रासायनिक विश्लेषण व सर्वेक्षण, भू-जल स्तर में परिवर्तन का मापन, कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण जैसे आदि कार्य किये जाते है। इससे पहले विधायक अंशुमान सिंह भाटी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में भू-जल मंत्री ने बताया कि जोधपुर एवं बीकानेर संभाग मे भू-जल वेधन के लिए रोटरी वेधन इकाई तथा डीटीएच वेधन इकाई के लिए क्रमश: 125 मीटर तथा 500 मीटर वेधन का प्रतिमाह लक्ष्य निर्धारित है। प्रत्येक रोटरी वेधन इकाई के समुचित संचालन हेतु विभागीय नॉमर्स के अनुसार 13 कर्मचारियों की आवश्यकता रहती है। मीडियम तथा लो ड्यूटी डीटीएच वेधन इकाईयों हेतु विभागीय नॉमर्स 8 कर्मचारियों का हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर एवं बीकानेर संभाग की वेधन इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कम है। भूजल विभाग की ड्रिलिंग विंग के सुदृढ़ीकरण हेतु जलदाय विभाग की ड्रिलिंग विंग का समायोजन भूजल विभाग में किया गया है। उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र में नलकूप वेधन कार्य औसतन कम समय में किया जाता है, जो नलकूप की गहराई भू-संरचनाओं के प्रकार पर निर्भर करता है तथा विभिन्न स्थानों पर वेधन अवधि भिन्न हो सकती है। राज्य सरकार द्वारा आवश्यकतानुसार नलकूप वेधन कार्य भूजल विभाग तथा निजी क्षेत्र दोनों से करवाया जा रहा है।