रायपुर, 13 जुलाई 2020

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के दिवंगत संस्थापक अजीत प्रमोद जोगी के बेटे अमित जोगी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर कोरोना संकटकाल के दौर में प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है।

अमित जोगी ने फेसबुक पर भावुक अंदाज में लिखी अपनी पोस्ट में कहा है कि “प्रशासन की निष्पक्षता का उदाहरण है कि जहां मेरे पिताजी स्वर्गीय श्री अजीत जोगी जी की अंत्येष्टि और दसगात्र में कोरोना के नाम पर लाखों को प्रशासन ने उनके अंतिम दर्शन से वंचित रखा, वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस के पूर्णतः राजनीतिक ‘चाय पर चौपाल’ कार्यक्रम के लिए भीड़ जुटाने के लिए गाँव-गाँव में अधिकारी नियुक्त कर मुनादी करा रहा है और बरसों से पापा से जुड़े भोले-भाले लोगों को लॉलीपॉप देकर बलपूर्वक तोड़ने में लगा है। (प्रशासनिक आदेश संलग्न)

अमित जोगी ने अपनी पोस्ट के साथ उस सरकारी आदेश की प्रति भी संलग्न की है। जब अजीत जोगी का निधन होने और उनकी अंत्येष्टि के अवसर पर ज्यादा भीड़ नहीं जुटने देने का निर्देश प्रशासन को दिया गया था।

अमित जोगी ने आगे लिखा है कि “क्या कोरोना के डर की जगह ‘जोगी’ ने ले ली है जो मंत्रालय छोड़ कर छत्तीसगढ़ शासन के माननीय मंत्रीगण मरवाही घूमने लगे हैं?

अमित जोगी ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये भूपेश सरकार पर प्रशासनिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

अमित जोगी की पोस्ट इशारा करती है कि राज्य में जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे संवेदनशील माहौल में राज्य सरकार चाय पर चौपाल कार्यक्रम आयोजित करके क्या बीमारी के संक्रमण को बढ़ावे का न्यौता नहीं दे रही हैँ। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने कोरोना पीड़ितों की संख्या को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन किये जाने की मांग की है। लेकिन राज्य सरकार की मंशा कुछ और ही नजर आती है।

कोरोना संक्रमित मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या राजधानी रायपुर में देखी जा रही है। राजधानी में धड़ाधड़ा कोरोना केस सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने पाबंदी बढ़ाने की बजाये बहुत सारी छूट दे दी हैं। जबकि हकीकत में केस बढ़ने पर यूपी और बिहार की तर्ज पर प्रदेश में कम से कम महीने भर का लॉकडाउन कर दिया जाना चाहिये ।

अमित जोगी की पोस्ट भले ही मरवाही उपचुनाव और जोगी कांग्रेस के नेताओं पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा डाले जा रहे डोरे को लेकर राजनीतिक चश्मे से देखी जा सकती है। लेकिन हकीकत यही है कि जिस राज्य सरकार का एक थानेदार कोरोना कंटेनमेंट जोन में लोगों के बाहर निकलने पर एक लड़के को उसकी मां के सामने ही बेरहमी से पीटता है, उसी राज्य सरकार के इशारे पर कांग्रेस पार्टी अपने राजनीति फायदे के लिए चाय पर चौपाल जैसे कार्यक्रमों में भीड़ जुटाकर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने का ही काम करेगी। संवेदनशील मुख्यमंत्री को कोरोनो संक्रमण की संवेदनशीलता को समझकर ऐसे राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द करने और प्रदेश में कम से कम महीने भर का सम्पूर्ण लॉकडाउन करने पर विचार करना चाहिये।

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