रायपुर, 5 नवंबर 2023
कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में कुल 20 बिंदुओं को शामिल किया है। लेकिन इन बिंदुओं में युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने का जिक्र तक नहीं हैँ। साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराब जैसे अहम मुद्दे को एकदम से गायब कर दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने शराबबंदी करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था, लेकिन 2023 के लिए होने वाले विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में शराबबंदी के वादे से कांग्रेस ने एकदम से किनारा कर लिया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में शहरी क्षेत्र के विकास और शहरी युवा, शहरी जनता के लिए कोई वादा नहीं किया गया है। घोषणा पत्र के 20 बिंदुओं में किसान, कर्जा और ग्रामीण क्षेत्रों में बसी आबादी पर ही पूरा ध्यान दिया गया है। जिसके बाद शहरी क्षेत्र की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जातिगत जनगणना का जिक्र करके लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे को छत्तीसगढ़ में स्थापित करने का प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना जैसी कोई जरूरत नहीं हैं, यहां पहले ही ओबीसी आबादी को अच्छा खासा रिजर्वेशन प्राप्त है, जिसे मौजूदा सरकार ने बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन राजभवन के दिलचस्पी नहीं दिखाने के चलते ये माामला अभी अधर में ही है।
Assembly Election 2023 : 56 पन्नों में भाजपा ने गिनाईं छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी।
कांग्रेस ही नहीं भाजपा ने भी शराबबंदी को लेकर कोई घोषणा नहीं हैँ। जिसके बाद सुराप्रेमियों के कई वायरल वीडियो सोशल मीडिया में तैरने लग गए हैँ। एक वायरल वीडियो में रायपुर का एक बुजुर्ग कहता दिखाई दे रहा है कि बिना शराब के वो मर जाएंगे और जो पार्टी यहां शराबबंदी करेगी उसे सत्ता से बाहर जाना होगा। शायद यही वजह है कि शराबबंदी के मुद्दे से दोनों ही प्रमुख दलों ने अपने घोषणा पत्र में दूरी बना ली है।
इधर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चुटकी लेना शुरु कर दिया है। भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि कांग्रेस का सूतली बम तो फुस्स पटाखा निकला। इससे धमाका तो दूर चिंगारी की आवाज तक नहीं आई।
